इक अनहोनी घट गयी (कविता)
भरत तिवारी//
इक अनहोनी घट गयी
के सारा आलम सोते से जाग गया
अबला का शारीरिक शोषण
टी.वी. ने दिखाया .
और तब !!! सब को पता चला कि
अभद्रता...
तेरी रहनुमाई पर सवाल है (नज्म)
मुल्क तो आजाद है
मगर घर कहां आबाद है?
धुआं-धुआं है जिंदगी
हर तरफ बस आग है।
जल रही हैं ख्वाहिशें
लपटों में आसमान है
हवाओं की क्या बात करें
वो...
मेंहदी (लघु कथा )
उमेश मोहन धवन
"पापा देखो मेंहदीवाली.मुझे मेंहदी लगवानी है " पंद्रह साल की छुटकी बाज़ार में बैठी मेंहदी वाली को देखते ही मचल गयी.
"कैसे लगाती...
पहले आई. ए. एस. बनो (कहानी)
कमरा सिगरेट के धुएँ से भरा था। सुमित की आँखो से आँसू निकल रहे थे। सिगरेट को होंठों से लगाए वह हजार भावों को...
आईएएस की तैयारी
अशोक मिश्र
गांव से छोटे भाई का फोन आया कि कंधई काका ने आपको बुलाया है। मैंने छोटे भाई से पूछा भी कि कोई खास...
बाइट प्लीज (उपन्यास, भाग-6)
10.
सुबह 6 बजे के करीब बस जब रांची पहुंची तो वहां मुसलाधार बारिश हो रही थी। बस से उतरने के बाद बड़ी मुश्किल से...
जिनके भाग्य में नखलिस्तान नहीं
(जितेन ठाकुर)
इस बार दयानंद पांडेय के लेखन पर बात करने का मन हो रहा है। संयोगवश मैं ने उन के दो उपन्यास पढे- 'हारमोनियम...
वह अनाथ बच्चा
निर्भय देवयांश
नदी के किनारे बैठा
वह अनाथ बच्चा
भारत के भविष्य को
खोजता है
पानी की तरंगों में,
वह अकेला
रहता है बहुत बड़े घर में
जहां कोई नहीं उसके सिवा
पूछने...