‘अगले जनम मुझे बाबू ही कीजो‘
मनोज लिमये,
वर्तमान समय में बाबुओं के घर से हड़प्पा-मोहन जोदडो की तर्ज पर लगातार मिल रही चल-अचल संपत्ति मेरे लघु मस्तिष्क पर हावी होती...
औरतों के अधिकार और संघर्ष की कहानी पर केंद्रित है हमारा...
राजू बोहरा नयी दिल्ली,
समय को नापने, तरासने और उसे हमेशा नया-नया अर्थ देने का जो प्रयास आज तक होता रहा है उसकी कहानी किसी...
कहने में भेद हैं, भ्रम हैं..’बनने’ में आडंबर है, इनका ‘होना’...
अरुण प्रकाश, पूर्व शैक्षणिक सलाहकार, अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
आचार्य रजनीश की आज जयंती है। मुझे यही नाम अच्छा लगता है, आचार्य रजनीश। वही पन अच्छा...
डॉ बू अब्दुल्ला दुबई से मुम्बई आये,270 कंपनियों के मालिक अब्दुल्ला...
अमरनाथ, मुंबई।
डॉ बू अब्दुल्ला कल दुबई से मुंबई आए, आने का कारण बताया जा रहा है की वे इंडिया में अपना बिजनेस फैलाना चाहते...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-2)
(दिल्ली, जम्मू, पंजाब और मुंबई जैसे शहरों में लंबे समय तक भटकने के दौरान पटना की बहुत याद आती रही। जिंदगी और खुली आंखों...
पटना की हवा और कुछ कमीने दोस्त
पटना की हवा मुझे हमेशा से अच्छी लगी है, सारे कमीने दोस्त मेरे यहीं रहते हैं, जिनके साथ अव्वल दर्जे की लुच्चई में मैं...
सूरज प्रकाश: अपनी बात (पार्ट – 1)
बहुत सारे बिम्ब हैं। स्मृतियां हैं। दंश हैं। बहुत सारी खुशियां हैं। बहुत कुछ ऐसा है जो अब तक किसी से बांटा नहीं है।...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-3)
वीणा सिनेमाघर में फिल्म शोले से खाता खुला
आलोक नंदन
सभ्यता के विकासक्रम में लाइफ स्टाइल के साथ सोचने के तरीकों को तब्दील करने में...
क्या विज्ञान और तकनीक ने हमें स्वतंत्र कर दिया ?
सुनील दत्ता //
पिछले कुल 100 वर्षो में हुए आविष्कारों ने हमारे जीवनशैलियों को पूरी तरह रूपांतरित कर दिया। वर्षो की यात्राए घंटो में बदल...