अनमोल होते हैं भाई-बहन के रिश्ते

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वीरेन्द्र कुमार//

कुछ रिश्ते विरासत में मिलते हैं जो जन्म से निर्रधारित होते हैं, कुछ रिश्ते बनाये जाते हैं पर अटूट हो जाते हैं, भाई -बहन के रिश्ते जो कभी जन्म से बनते हैं उन पर भी भारी पड़ जाते है धर्म के रिश्ते। अनमोल होते हैं ये भाई-बहन के रिश्ते और इसे सच साबित कर दिखाया मोतिहारी के तत्तकालीन जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल ने जो दरभंगा से चल कर आये अपनी एक धर्म की बहन से भैया दूज की बजड़ी खाने। गुरुवार को मोतिहारी आने के क्रम में वे चकिया थाना के बार गोविन्द निवासी पंचायत शिक्षिका शिम्पी कुमारी के पास पहुचे और उनसे बजड़ी खाई। ज्ञातव्य हो कि शिम्पी को वे अपनी मुहबोली बहन मानते हैं। शिम्पी पैर से अपंग है, श्री लाल को वह अपना धर्म भाई मानती और वे भी अपनी इस बहन के रिश्ते को बनाए रखकर उतना ही सम्मान देते हैं।
अपनी मुंहबोली बहन से मिलकर एक बार फिर से श्री लाल की यादें यहाँ ताजा हो गईं। वे अपने कार्यक्षेत्र के अलावा सामाजिक कार्यों पर भी खासे ध्यान देते हैं। सुगौली प्रेस क्लब द्वारा आयोजित सलामे-ए-सुगौली में उन्होंने अपना भरपूर योगदान दिया था और –“बड़े दूर से आये हैं … प्यार का तोहफा लाये हैं”  गाने से सबों का दिल जीत लिया था। उस संदर्भ में   भी उनकी यादें ताजा हो गयीं।
वीरेन्द्र कुमार,

पत्रकार.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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