दुराचार का समाधान कैब कंपनी पर बैन नहीं हो सकता
(इष्टदेव सांस्कृतायन के फेसबुक वाल से)
यह सही है कि लड़कियों के साथ आए दिन हो रही दुराचार की घटनाओं का स्थायी समाधान कैब कंपनी...
चल मां के दरबार में (कविता)
राजेश वर्मा,
चल रे साथी..हाथ जोड़ ले
मां के दर्शन कर ले
धुल जाएंगे पाप तेरे
क्यूं मोह-माया में भटके
चल रे साथी...ओ साथी......
जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...
जीवन...
अब तो ‘राइट’ हो जाओ लेफ्ट
नवीन पाण्डेय, नई दिल्ली
यह तो अब सभी जान गए हैं कि बंगाल में बदलाव की बयार चली और ममता बनर्जी की आंधी में लेफ्ट...
बहुत परेशान करती हैं मान्यताएं
एक किस्सा सुना रहा हूं। एक गांव के किनारे की सड़क से पति-पत्नी लड़ते हुए गुजर गए। उन दोनों को लड़ते हुए गांव के...
उत्तर आधुनिक शिक्षा में मटुकवाद
हरिशंकर राढ़ी
(यह व्यंग्य समकालीन अभिव्यक्ति के जनवरी -मार्च 2010 अंक में प्रकाशित हुआ था ।)
वाद किसी भी सभ्य एवं विकसित समाज की पहचान होता...
कैसे दे हंस झील के अनंत फेरे, पग-पग पर लहरें जब...
हिंदी गीतों का इतना बड़ा मछेरा आज के दिन तो कोई और नहीं मिलेगा !
हिंदी गीतों का ऐसा राजकुमार, ऐसा हंस दुर्लभ है
बुद्धिनाथ मिश्र...
हिंसा के पेट से हिंसा ही जन्म लेगी
हिंसा से प्रतिहिंसा, प्रतिहिंसा की प्रतिक्रिया- यह आतंकवाद की शृंखला है। धर्म के नाम पर ऐसा आतंकवाद दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है...
पत्थर की खादानों में लाश बिछाते नौकरशाही, सफेदपोश व खनन माफिया
शिव दास
गरीबी, बेरोजगारी, जिम्मेदारी और लाचारी से बेहाल विंध्य क्षेत्र के आदिवासियों की संस्कृति का अस्तित्व खतरे में है । लाल किले पर अपनी...
सारंगी की तान छेड़ते ये गुदड़िया बाबा
दिमाग पर थोडा जोर दें तो आपको बचपन के वे दिन याद आ जायेंगे जब गुणा बाबा या गुदरिया बाबा को देखते ही आप...
इन गलियों में भी बसती है कला…
उत्तमा दिक्षित
यह गलियां जनजातियों की बसावट वाली है। गंदी और सामान्य जन सुविधाओं के अभाव से त्रस्त इन गलियों की कला अलग पहचान है।...