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Patna
Monday, May 6, 2024

वहशी चालक (कविता)

पतली गली के बीचोंबीच अटकी हैं हजारों लोगों की जानें गलती से ट्रेन के चालक ने संतुलन खो दिया जहां से बचकर निकलना किसी के लिए संभव नहीं इस...

सामाजिक समरसता के लिए साहित्य संवर्धन जरूरी

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सामाजिक समरसता के लिए साहित्य संवर्धन जरूर कालिदास रंगालय में आयोजित आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्य समारोह के अवसर पर कार्यक्रम के दूसरे दिन भजन संध्या...

शिकार (कहानी)

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दफ्तर से निकल कर सिगरेट सुलगाने के बाद सड़क के किनारे कुछ कदम चलते ही मुझे बगल वाले बड़े से नाले में कोई चीज...

आंख और इलाज (कविता)

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चंदन कुमार मिश्र, पटना  लोगों की करतूत देखते-देखते भगवान की भी आंख हो गयी ख़राब । गया वो अस्पताल में वहां देखा उसने डॉक्टरों की डॉक्टरी और उनकी फ़ीस नहीं हो पाया वहां उसकी आंखों का इलाज़...

रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत

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// रघुविन्द्र यादव // रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत. बंटवारा माँ-बाप का, करने लगे कपूत. स्वार्थ की बुनियाद पर, रिश्तों की दीवार. कच्चे धागों की तरह,...

बाइट, प्लीज (part 21)

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44. महेश सिंह और विज्ञापन मैनेजर मंगल सिंह को लेकर पटना दफ्तर में यह अफवाह फैली हुई थी कि दोनों को इस्तीफा देकर जाने को...

नींद मीठी-सी थी, ख़्वाब बुनते रहे

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सामयिक परिवेश कवि गोष्ठी कवियों ने जमाया रंग लाख जतन करने पड़ते हैं, इश्क की मंज़िल पाने कोदिल हारा है तब जीता है मैंने एक दीवाने...

हुई मुद्दत कि गालिब मर गया…

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शिव दास// हुई मुद्दत कि गालिब मर गया पर याद आती है वो हर इक बात कि यूं होता तो क्या होता? शब्दों के रूप में कुछ ऐसे...

Spartacus

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1. People were sold and purchased like cattle; They were treated no better than animal. Their only duty to obey their ruthless masters; They were backbone of Roman...