अच्छी सेहत और अच्छे जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना बहुत जरूरी है : सुरेश सरोज

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राजू बोहरा / विशेष संवाददाता,नयी दिल्ली, अगले सप्ताह 23 सितंबर 2022 को देशभर के सिनेमाघरो में पर्यावरण की ज्वलंत समस्या पर बनी बॉलीवुड की पहली सम्पूर्ण कॉमर्शियल चर्चित हिन्दी फ़िल्म “वनश्री” रिलीज होने जा रही है जिसका निर्माण एक रियल लाइफ़ फारेस्ट ऑफिसर रह चुके तुकाराम मोने ने किया है और इसके निर्देशक सुरेश सरोज हैं। हाल ही में मुंबई में फ़िल्म वनश्री का ट्रेलर व म्युज़िक धूमधाम से लांच करने के बाद इस फिल्म के डायरेक्टर सुरेश सरोज और मुख्य खलनायक अभिनेता कुमार राजपूत फ़िल्म “वनश्री” के प्रमोशन के सिलसिले में देश की राजधनी दिल्ली पहुचे थे। अलग किस्म के सोशल सब्जेक्ट को लेकर बनी फिल्म “वनश्री” का ट्रेलर, म्यूजिक और सांग्स काफी तेजी से लोगो में लोकप्रिय हो रहे है। दिल्ली में एक खास मुलाकात में हमने फ़िल्म “वनश्री” को लेकर इसके प्रतिभाली युवा निर्देशक सुरेश सरोज से विस्तार पूर्वक बातचीत की। प्रस्तुत है उसके प्रमुख :-

सुरेश सरोज जी सबसे पहले आप अपने बारे में बताये की आप मूलरूप से कहा से है और बॉलीवुड में कब से है ?

मैं मूलरूप से दिल्ली का ही रहने वाला हूँ और बॉलीवुड में बतौर निर्देशक वनश्री मेरी पहली कॉमर्शियल हिन्दी फिल्म है जो 23 सितंबर 2022 को देशभर के सिनेमाघरो में प्रदर्शित होने जा रही है। वैसे लम्बे समय से इस फील्ड में हूँ और अबतक इस फिल्म से पहले बतौर लेखक, निर्देशक और कोरियोग्राफर काफी म्यूजिक वीडियो, शार्ट फिल्मो आदि पर काफी काम कर चुका हूँ।

अपनी पहली इस यूनिक सब्जेक्ट वाली फिल्म वनश्री के बारे में हमारे बॉलीवुड सिनेमा प्रेमियों को विस्तार से बताए ?

भारतीय सिनेमा के इतिहास में यू तो अब तक बॉलीवुड में पुलिस विभाग पर और पुलिस अधिकारियों पर अनगिनत फिल्मो का निर्माण हो चुका है लेकिन फारेस्ट विभाग या फारेस्ट अधिकारियों पर बहुत कम फिल्मे बनी हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुये हमने एक रियल लाइफ़ फारेस्ट ऑफिसर रह चुके तुकाराम मोने के साथ हमने इस विषय पर हिंदी फ़िल्म “वनश्री” का निर्माण किया है जो इस फिल्म के निर्माता भी है और इसमें उन्होंने एक बेहद संवेदनशील पिता की भूमिका भी निभाई है। फिल्म की कहानी बहुत ही दिलचस्प और प्रेरणा दायक हैं।

दर्शको को फिल्म वनश्री की कास्ट के बारे बताए की इसमें कौन कौन से कलाकारों ने अभिनय किया है ?

हमारी फिल्म वनश्री की कास्ट में बॉलीवुड के नए पुराने सभी तरह के कलाकारो ने अभिनय किया है। फिल्म में फारेस्ट ऑफिसर वनश्री की सशक्त शीर्षक भूमिका ऎक्ट्रेस अँमी ने निभाई है जो इस फिल्म से अपना बॉलीवुड बतौर अभिनेत्री अपना डेब्यू कर रही हैं। वही मॉडल-एक्ट्रेस प्रिया सिंह भी इस फ़िल्म से सह एक्ट्रेस के तौर पर बॉलीवुड अपना डेब्यू कर रही है जिसकी काफी अच्छी भूमिका है। फिल्म के मुख्य खलनायक है अभिनेता कुमार राजपूत जिन्होंने खतरनाक भूमिका को बहुत पावरफुल तरीके से निभाया है। फ़िल्म में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री ज़रीना वहाब की भी एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। इनके अलावा फ़िल्म में तुकाराम मोने, समीर खान, अली खान, कुमार राजेश भाटी, ज्ञानिश मोगा ने अभिनय किया है।

आपकी फिल्म वनश्री मुख्यत क्या-क्या महतवपूर्ण सन्देश देती है दर्शको को ?

बहुत तेजी से बढती पर्यावरण की ज्वलंत समस्या को लेकर आज हमारा देश भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ही इस समस्या से जूझ रही है और सब देशो की सरकारे, और पर्यावरण पर कार्य करने वाले सामाजित संगठन व पर्यावरणविद अपने अपने तरीके से पर्यावरण की इस समस्या पर रातदिन काम भी कर रहे है उसके बावजूद यह समस्या लगातार बढती जा रही है जिसके लिए मुझे लगता है की हम सब आदमी को भी अपना सहयोग जरुर देना चाहिए। फिल्म वनश्री मुख्यत यह सन्देश देती है की जब तक पेड़, जंगल और स्वच्छ पर्यावरण रहेगा तभी तक हमारा जीवन भी सुखी रहेगा। इसके लिए हमारे पेडो और वनों को बचाना बहुत जरुरी है। फिल्म का एक संवाद “पौधे मेरी आत्मा हैं” काफी पॉपुलर हो रहा है। फ़िल्म में महिला सशक्तिकरण को भी दर्शाया गया है।

फ़िल्म वनश्री के गीत और संगीत के बारे में बताए इसमें किस तरह के गाने है ?

फ़िल्म का गीत और संगीत बहुत ही अच्छा है जिसको तैयार किया है लक्ष्मीनारायण ने जबकि गानों को नक्काश अज़ीज़, पामेला जैन और खुशबू जैन जैसे चर्चित सिंगरो ने आवाज़ दी है। फ़िल्म में कुल तीन गाने हैं। फ़िल्म का एक गीत हीरोइन अँमी पर फिल्माया गया है जिसके बोल हैं “जंगल की है ये शेरनी, सबसे बड़ी शिकारी। एक जबरदस्त आइटम नंबर भी है उसमे जंगल का बैकग्राउंड है जो जानीमानी आइटम गर्ल संचिता पनीगढ़ी पर फिल्माया गया है जिसमे उसने गजब की प्रोफोमेंस दी है। इस आइटम नंबर को खुशबू जैन ने बहुत ही शानदार गया हैं।

अपनी इस फिल्म को लेकर सरकार से किसी तरह की कोंई गुजारिश करना चाहेगे ?

आपने ने बहुत ही अच्छा सवाल पूछा है हमारी सरकारे चाहे वो केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य सरकारे हो सभी पर्यावरण की ज्वलंत समस्या पर लगातार काम कर रही है और हम भी एक तरह से इस फिल्म के माध्यम से उन्ही के मेसिज को आगे बड़ा रहे हैं। अगर सरकारे हमारी फिल्म को टैक्स फ्री कर दे तो पर्यावरण की ज्वलंत समस्या के इस सन्देश हो हम जयादा से ज्यादा लोगो तक पहुचने में सफल हो सकते है। ऑडियंस से भी में यही कहना चाहूगा की एक बार फिल्म जरुर देखिए और अपने देश के वनों को बचाने के मैसिज को और लोगो तक जरूर पहुचाये। वैसे भी कोरोना कल के बाद यह बखूबी साबित हो गया है की अच्छी सेहत और अच्छे जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना बहुत जरूरी है इस लिए हम सबको पर्यावरण पर कुछ न कुछ अपना योगदान देना चाहिए।

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