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आईएसबीटी का नाम होगा ‘पाटलीपुत्र बस टर्मिनल’

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहाड़ी, पटना-गया रोड पर अवस्थित अन्तर्राजीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), पटना का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिमोट के माध्यम से आरा, औरंगाबाद, नवादा एवं झाझा के बस अड्डों का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के विभिन्न भागों का निरीक्षण कर जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल परिसर में वृक्षारोपण भी किया।

ज्ञातव्य है कि राज्य के विभिन्न शहरों से सुगम आवागमन की व्यवस्था बनाये रखने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 24 दिसंबर 2016 को पटना में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल परियोजना का कार्यारंभ किया गया था। इस नये बस टर्मिनल में यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। बस टर्मिनल की कार्यकारी एजेंसी बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) है। बस टर्मिनल का निर्माण 25.02 एकड़ भूमि पर किया गया है।

आईएसबीटी की शुरूआत होने से बिहार राज्य एवं अन्य राज्यों की बसों का सुगम परिचालन प्रारंभ हो जायेगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन लगभग 3,000 बसों का परिचालन होगा एवं लगभग 1.5 लाख यात्री एक जगह से दूसरी जगह आ-जा सकेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए आधुनिक संसाधनों का पूरा इस्तेमाल किया गया है। सभी संरचनाओं में टिकट कॉउंटर, महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय, एस्केलेटर, लिफ्ट, विश्रामालय तथा पूरी संरचना में केन्द्रीकृत एयर कंडीशनर की व्यवस्था की गयी है। साथ ही व्यावसायिक ब्लॉक में होटल, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट के साथ छोटी-छोटी दुकानें भी बनायी गयीं हैं। बसों के परिचालन हेतु 2 किलोमीटर की आंतरिक सड़क बनायी गयी है, जिसकी चौड़ाई 15 मीटर है। आगमन स्थल पर 68 बसें एवं प्रस्थान स्थल पर 72 बसों के ठहराव की व्यवस्था की गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का नाम बदल कर अब पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा बस टर्मिनल शायद ही कहीं और मिलेगा। इस बस टर्मिनल में सारी सुविधाओं और सेफ्टी का भी ध्यान रखा गया है।  इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा आदि मौजूद थे।

 

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