जीवन शैली को बदल दिया है मोबाइल ने

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जिंदगी के सफर में मोबाइल ने अपनी एक अहम जगह बना ली है। हर स्तर पर मोबाइल लोगों को प्रभावित कर रहा है, सुख और दुख में उनका करीबी बना हुआ है। पटनावासियों के लाइफ में मोबाइल इस कदर शामिल है कि इसके बिना अब दो कदम भी नहीं चला जा सकता है। अपनों को काफी कारीब ला दिया है मोबाइल ने। जब चाहा जिससे चाहा, बस नंबर मिलाया और बात कर ली।    

पटनावासियों को मोबाइल काफी रास आ रहा है। मोबाइल ने इनके लाइफ स्टाईल को पूरी तरह से बदल दिया है। इसके माध्यम से परिवार के लोग एक दूसरे के काफी करीब आये हैं। पलक झपकते ही अपनों से बात हो जाती है और सारा हाल-चाल मालूम हो जाता है। पटना के लोगों को भावनात्मक स्तर पर एक दूसरे से जोड़े रखने में मोबाइल अहम भूमिका निभा रहा है। दूर दराज के शहरों में रहने वाले अपने बच्चों का हालचाल माता-पिता मोबाइल के जरिये सहजता से ले लेते हैं। इतना ही नहीं मोबाइल के माध्यम से वे बच्चों की पढ़ाई में भी घर बैठे ही मदद  कर रहे हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं, बंगलोर में रह रहे अपने बेटे को कुछ बताना होता है तो मोबाइल का ही इस्तेमाल करते हैं।    

आधुनिकता के दौर में संयुक्त परिवार का तेजी से विघटन हो रहा है। परिवार के सदस्य अपनी सहूलियत के अनुसार अपने तरीके से अलग अलग रह रहे हैं, लेकिन मोबाइल विघटित हो रहे परिवार के सदस्यों को एक डोर में बांधे रखने में काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। तेजी के साथ अपने मन की भावनाओं को अभिव्यक्त करने में भी मोबाइल का कोई जोर नहीं है। खुशी के मौके पर एक दूसरे को बधाइयां देने के लिए भी पटना के लोग इसका भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं।  दूर दराज के शहरों में रहने वाले अपने परिवार के सदस्यों को भी उनके जन्मदिन पर सहजता से बधाई देकर उन्हें अपनत्व का अहसास करा देते हैं। मोबाइल ने परिवार की खुशियों को एक नया पंख दिया है।

पटना के व्यवसायियों को भी मोबाइल खूब लाभ पहुंचा रहा है, उनके धंधे को इससे सहूलियत मिल रही है। दूसरे राज्यों से सामान मंगाना और ग्राहकों तक पहुंचाना आसान हो गया है, मोबाइल ने इनके धंधों को विस्तार दिया है। पटना के व्यवसायियों के लिए मोबाइल वरदान साबित हो रहा है। इनके लिए मोबाइल के जरिये दूसरे राज्यों से माल मंगाना काफी आसान हो गया है। माल भेजने का आर्डर ये फोन पर ही कर देते हैं और समय पर माल पहुंच भी जाता है। पहले इसके लिए इन्हें काफी भागदौड़ करना पड़ता था। सूबे के अन्य क्षेत्रों के छोटे-मोटे व्यवसायी भी सामान मंगाने के लिए पटना के व्यवसायियों से मोबाइल के जरिये संपर्क कर रहे हैं। इससे इनके धंधे में और भी वृद्धि हो रही है साथ ही मोबाइल पर आर्डर लेकर सामान भेजना भी इनके लिए सहज हो गया है। मोबाइल ने बैंकिंग की सुविधा को भी आसान किया है, जिसका जबरदस्त लाभ व्यवसायियों को हो रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य नागरिक सुविधायें भी मोबाइल के जरिये सहज हुई हैं। व्यवसायियों को मोबाइल की वजह से सुविधायें हो रही हैं। वैसे कभी –कभी कुछ व्यवसायियों के लिए मोबाइल रखना परेशानी का भी शबब बन जाता है। सामान में कुछ कमी आने की स्थिति में ग्राहक मोबाइल से ही कंप्लेन करने लगते हैं।

पति-पत्नी के बीच भी मोबाइल संपर्क सूत्र का काम कर रहा है। मोबाइल के जरिये पति-पत्नी एक दूसरे से नोक झोंक भी कर रहें है और प्यार मनुहार भी। एक दूसरे को हर पल करीब रखे हुये है मोबाइल। पति-पत्नी के आपसी संबंधों को भी मोबाइल ने एक नया आयाम दिया है। मोबाइल होने की वजह से उन्हें दूरी का अहसास ही नहीं होता। चाहें वे कहीं भी रहे मोबाइल ने उन्हें काफी करीब ला दिया है। कम से कम हर वक्त उन्हें साथ होने का अहसास तो देता ही है।

 ऑफिस रहते हुये यदि बाहर घूमने के प्लान में यदि किसी तरह की तब्दीली होती है तो पति महोदय तुरंत इसकी सूचना मोबाइल के जरिये अपनी पत्नी को दे देते हैं। घर वापस लौटकर  अपनी पत्नी को मनाने की परेशानी से मोबाइल ने पतियों को मुक्त कर दिया है। पत्नियां भी अपने पतियों को इशारे पर नचाने के लिए मोबाइल का भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं। काम से घर लौटते पति को घर का सामान लाने का आदेश मोबाइल के जरिये बहुत ही सहजता से दे दिया जाता हैं।  

पति भी अपनी पत्नियों को ठीक रखने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल अपने तरीके से कर रहे हैं। पत्नी की कोई बात नापसंद आने की स्थिति में पति तुरंत मोबाइल से इसकी सूचना पत्नी के मायकेवालों तक पहुंचा देते हैं और फिर मायके की ओर से पत्नी पर ससुराल में अच्छा व्यवहार करने के दबाव पड़ने लगते हैं।

मोबाइल के जरिये पति और पत्नी के बीच आपसी नोक झोक भी खूब हो रहे हैं। यहां तक मोबाइल पर ही मारपीट तक की नौबत आ जाती है। मोबाइल पति पत्नी के बीच गुस्से का इजहार करने का एक मजबूत माध्यम बना हुआ है। यदि पति और पत्नी के बीच में लड़ाई झगड़ा होता है तो मोबाइल ही दोनों के बीच में सुलह का माध्यम भी बन रहा है। रुठे पति को मनाने के लिए एक प्यार भरा एसएमएस काफी है।

पटना के युवाओं के बीच में मोबाइल का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ा है। पटना का युवा वर्ग इसका इस्तेमाल अपने खास अंदाज में कर रहा है। चाहे अपने परिवार के साथ संपर्क बनाये रखना हो या फिर अपनी गर्ल फ्रेंड् को डेट पर ले जाना हो, या फिर नेट पर सर्फिंग करनी हो, या फिर अपने पसंदीदा गाने के साथ गुनगनाना हो, उनके लिए मोबाइल हर मर्ज की दवा है।

राजनीतिक गलियारों में भी मोबाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोबाइल कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक दूसरे से मजबूती से जोड़े हुये हैं. यहां तक कि दूर दराज के लोग भी कोई घटना घटने पर मोबाइल के जरिये पटना में बैठे बड़े नेताओं से सीधे बात कर लेते हैं। राजनीतिज्ञों के बीच आदेश और निर्देश देने के लिए इसका कुशल इस्तेमाल हो रहा है।

राजनीतिज्ञों की कार्यशैली को भी मोबाइल ने काफी प्रभावित किया है। राजनीतिक संगठनों की कार्यकुशलता में इसने काफी इजाफा किया है। मोबाइल राजनीतिज्ञों की जरूरत है। राजनीति पहले भी होती थी, लेकिन मोबाइल ने राजनीति की तीव्रता में इजाफा  किया है।

राजनीतिक संगठन की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में मोबाइल काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। राजद नेता रामचंद्र पूर्वे कहते हैं कि किसी राजनीतिक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसके माध्यम से तत्काल बुला लिया जाता है। राजनीतिक हलकों में सूचनाओं के आदान प्रदान का यह एक अहम जरिया बन कर उभरा है। दूर दराज के इलाकों की कोई घटना पटना में बैठे राजनेताओं को मोबाइल के जरिये तुरंत  मिल जाती है। कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने में तो यह अहम भूमिका निभा ही रही हैं, इसके जरिये क्षेत्र में बैठे तमाम तरह के अधिकारियों से भी  पटना में बैठे बड़े स्तर के नेता सहजता से बात कर लेते हैं।

वैसे राजनीतिज्ञ लोग मोबाइल का इस्तेमाल अपने यार दोस्तों से भी बातचीत करने के लिए खूब कर रहे हैं। मोबाइल उन्हें लगातर अपने दोस्तों के संपर्क में बनाये रखता है। राजनीति से इतर हटकर वे मोबाइल के जरिये अपनी निजी जिंदगी को भी विस्तार देते रहते हैं। 

मोबाइल के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। लोगों से उनका चैन और सुकून भी छीन रहा है मोबाइल। एक तरह से लोग इसके एडिक्ट से हो गये हैं, इसके बिना इनका काम ही नही चल सकता। मोबाइल के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। आज लोग कई अहम कार्यों के लिए पूरी तरह से मोबाइल पर निर्भर हो गये है। मोबाइल के बिना वे अपनी जीवन शैली की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। मोबाइल उनकी जिंदगी की जरूरत बन गई है। मोबाइल लोगों के जीवन पर बुरी तरह से छा गया है। यहां तक कि उनका चैन और सुकून भी छिनने के कगार पर है। जीवन में मोबाइल के इस पैठ को लेकर भी लोगों के साथ-साथ राज नेताओं की चिंता बढ़ी है।

आज बच्चों के हाथ में जिस तरह से मोबाइल है उसे लेकर भी लोग खासे नाराज हैं। लोगों का मानना है कि मोबाइल बच्चों की पढ़ाई लिखाई को बुरी तरह से चौपट कर रहा है।

पटना में एक पीढ़ी ऐसी भी है जो मोबाइल से कोसो दूर है। मोबाइल का नाम सुनते ही इस पीढ़ी के लोग भड़क उठते हैं। इनके लिए मोबाइल किसी काम की नहीं है, इसकी कोई जरूरत नहीं है। एक कहावत है विज्ञान वरदान के साथ अभिशाप भी है। मोबाइल पर भी यह उक्ति पूरी तरह से सही साबित हो रही है। मोबाइल के साइड इफेक्ट को यदि छोड़ दिया जाये तो वाकई में आज मोबाइल सबकी जान बन चुकी है।

4 COMMENTS

  1. अनिता जी, यह मोबाइल छात्रों को आलसी भी बना रहा है। और याद रखना तो कम कर देता है क्योंकि लोग तुरत मोबाइल में लिख कर डाल लेते हैं। कुल मिलाकर आपने मोबाइल पर ही बड़ा लेख लिख डाला है और हर क्षेत्र में इसकी जरूरत पर भी ध्यान देने की कोशिश की है। अभिशाप और वरदान वाली बात सही है।

  2. yes, i am agree with you anita, very very easy way of communication and it has become the commodity….people have to closer through mobile

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