मोहब्बत की शूली चढ़ी जिया

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रूपहले पर्दे पर चमकने की महत्वकांक्षा को लेकर मुंबई कूच करने वाली लड़कियों के लिए जिया खान की खुदकुशी एक सबक है, अपनी मेहनत से मुंबई में सबकुछ हासिल किया जा सकता है लेकिन प्यार नहीं। संवेदनाओं की धरातल पर मुंबई पूरी तरह से बेरहम है।  संवेदनाओं को ताक पर रखकर अपने हुनर का इस्तेमाल करके आगे बढ़ने की कला यदि आती हो तो मुंबई में देर सवेर पैर जम ही जाएगी, लेकिन यहां प्यार की तलाश आपको बर्बादी के उस मुकाम पर ला खड़ी सकती है जहां से एक रास्ता खुदकुशी की ओर जाता है। जैसा कि जिया खान के साथ हुआ। इंग्लैंड से मुंबई की फिल्मी दुनिया में कुछ गुजरने के सपने से लबरेज होकर कदम रखने वाली जिया खान ने आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली से बेइंतहा मुहब्बत करने की गलती कर बैठी और इसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण का अनवरत सिलसिला उसके साथ चलता रहा और वह टूट-टूटकर बिखरती रही। उसके साथ जो कुछ भी हो रहा था उसकी भनक उसके साथ जुहू के फ्लैट में रहने वाली उसकी मां राबिया खान और बहन को भी नहीं हुई। 3 जून की रात राबिया खान के लिए एक स्याह रात बन कर आई। देर रात जब वह अपनी दूसरी बेटी के साथ घर लौटी और जिया खान को उसके बेड रूम में पंखे पर झूलते हुये देखा तो उनके पैर के नीचे नीचे से जमीन ही खिसक गई। इस संगदिल दुनिया को छोड़ कर उनकी प्यारी बिटिया जिया बहुत दूर निकल चुकी थी।
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तफ्तीश के दौरान मुंबई पुलिस को जिया खान द्वारा अपने आशिक सूरज पंचोली को लिखे हुये कुछ खत हासिल हुये। इन खतों में सूरज पंचोली से मुहब्बत के दौरान जिया खान के तार- तार होने की दास्तांन बहुत ही संजीदगी से बयां की गई थी। स्वभाव से अति संवेदनशील जिया खान सूरज पंजोली से मुहब्बत करके खुद को फना करने की कगार पर कैसे पहुंच गई इसको उसने अपने खतों में विस्तार से जाहिर किया था। अपने काम और अपने आशिक के प्रति पूरी तरह से समर्पित जिया के इन खतों को उन लड़कियों को जरूर पढ़नी चाहिए जो मुंबई की फिल्मी दुनिया में अपनी लिए जमीन की चाह रखती हैं। ये खत उन्हें उन फरेबों से बचने की ताकीद करती हैं जो मुंबई में कदम कदम पर उनके लिए बिछे हुये हैं। आइये विस्तार से देखते हैं कि जिया खान ने अंग्रेजी में लिखे हुए पांच पन्नों के एक खत में सूरज पंचोली से प्यार और खुद के बिखरने की दास्तान को कैसे बयां किया है। खत की शैली किसी उदास कविता जैसी है, जिसे पढ़ते हुये रूह जम सा जाता है।
जिया के खत
मुझे नहीं पता कि यह मैं कैसे कहूं, लेकिन अब मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं पहले ही सबकुछ खो चुकी हूं। जिस समय तुम यह खत पढ़ रहे होगे हो सकता है मैं दुनिया छोड़ चुकी होऊंगी या फिर छोड़ने की कगार पर होऊंगी। मैं अंदर से टूट चुकी हूं। तुम यह नहीं जान सकते थे कि मैं किस कदर खुद को तुम्हारी मोहब्बत में खो चुकी थी। फिर भी तुम हर रोज मुझे प्रताड़ित करते रहे।
इन दिनों मुझे प्रकाश की कोई किरण दिखाई नहीं देती है। मैं जागती हूं लेकिन जागने की इच्छा नहीं होेती है। एक समय था जब मैं अपने जिंदगी को तुम्हारे साथ देखती थी, तुम्हारे साथ अपना भविष्य देखती थी। लेकिन तुमने मेरे सपनों को तितर-बितर कर दिया। मैं अंदर से खुद को मरी हुई महसूस करती हूं। मैंने कभी खुद को किसी को इतना नहीं सौंपा या कभी किसी की इतनी केयर की। मेरे प्यार के बदले में तुमने मुझे झूट और फरेब दिया। तुम्हारे लिए यह कोई मायने नहीं रखता कि मैंने तुम्हे कितने उपहार दिये या फिर मैं तुम्हारे लिए कितनी खूबसूरत दिखती हूं। मुझे भय था कि कहीं मैं गर्भवती न हो जाऊं लेकिन मैं खुद को तुम्हें सौंप दिया। जो जख्म तुमने दिये वह मुझे और मेरी रूह को हर दिन तिनका तिनका करके बर्बाद करता रहा।
मैं न खा सकती हूं, न ही सो सकती हूं और न ही कुछ कर सकती हूं। मैं हर चीज से दूर होती जा रही हूं। अब मेरे लिए मेरा कैरियर भी महत्व नहीं रखता। जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी मैं काम के प्रति समर्पित, महत्वकांक्षी और अनुशासित लड़की थी। फिर मुझे तुमसे प्यार हो गया और मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर जो बेहतर है वह बाहर आएगा। मुझे नहीं पता भाग्य ने हम दोनों को क्यों मिलाया। इन सभी दुखों के बाद जिनमें बलात्कार, गालियां और प्रताड़ना शामिल है मुझे अहसास है कि मेरे साथ यह सब नहीं होना चाहिए था।
मुझे तुम्हारे अंदर न तो प्रेम दिखाई देता है और न ही प्रतिबद्धता। मुझे लगातार यह भय सता रहा है कि तुम मुझे मानसिक और शारीरिक रुप से नुकसान पहुंचाओगे। तुम्हारी जिंदगी में सिर्फ पार्टी और महिलाएं शामिल हैं। मेरे लिए सिर्फ तुम हो और मेरा काम। यदि मैं यहां रहती हूं तो मुझे तुम्हारी ललक होगी और मैं तुम्हें मिस करूंगी। अब मैं अपने दस साल के कैरियर को चुंबन लेती हूं और अपने सपनों को अलविदा कहती हूं। मैंने तुम्हें कभी कुछ नहीं कहा लेकिन मुझे तुम्हारे बारे में एक संदेश मिला था कि तुम मुझे धोखा दे रहे हो। मैने इसकी अनदेखी की और तुम पर विश्वास करने का निर्णय लिया। तुमने मुझे नीचा दिखाया। मैं कभी किसी के साथ बाहर नहीं गई। तुम्हारे प्रति मैं हमेशा वफादार बनी रही। मैं कार्तिक के साथ किसी से नहीं मिली। मैं तुम्हें सिर्फ यह अहसास कराना चाहती थी कि तुम्हारे साथ रह कर मुझे क्या अहसास होता है। जितना मैंने तुम्हें प्यार किया है उतना कोई दूसरी महिला तुम्हें कभी प्यार नहीं करेगी।
मैं यह खून से लिख सकती हूं। मेरे लिए चीजें बदल रही हैं। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति लगातार दिल के टूटने के दर्द को महसूस करे, जिस सख्स से वह प्यार करता है वह उसे  धमकी देता है, गालियां देता है और मारता है और धोखा देता है और जब उसके लिए कोई और ठिकाना नहीं होता है तो वह तुम्हें घर से बाहर फेंक देता है। और वह उसके पास प्यार के लिए आता है और वह उसकी मुंह पर ही झूठ बोलता है और उसके परिवार की बेइज्जती करता है। तुमने मेरी रूह को नोच डाला है। अब मेरे लिए जिंदा रहने का कोई कारण नहीं है। मैं सिर्फ प्यार चाहती थी। मैंने तुम्हारे लिए सबकुछ किया। मैं हमदोनों के लिए काम कर रही थी, लेकिन तुम कभी भी मेरे हमसफर नहीं थे। मेरा भविष्य बर्बाद हो चुका है, मेरी खुशियां मुझसे छिन चुकी हैं। मैंने हमेशा तुम्हारे लिए अच्छा ही चाहा, मेरे पास जो कुछ धन है वह मैं तुम्हारी बेहतरी पर खर्च करने के लिए हमेशा तैयार थी। तुमने कभी मेरे प्यार की कद्र नहीं की, हमेशा मेरे चेहरा पर हमला किया। अब मेरा आत्मविश्वास नहीं रहा, जो कुछ भी प्रतिभा मेरे अंदर थी वह सब खत्म हो चुकी है।
तुमने मेरे जीवन को बर्बाद कर दिया। मुझे इस बात का काफी दुख है कि मैं दस दिन तक इंतजार करती रही लेकिन तुमने मेरे लिए कुछ नहीं खरीदा। गोया ट्रीप मेरा बर्थ डे तोहफा था, लेकिन फरेब करने के बावजूद मैं तुम्हारे साथ रही। मैंने गर्भपात कराया जिससे मुझे काफी दुख हुआ। वह हमारा बच्चा था। जब मैं वापस आई तुमने मेरा क्रिसमस और बर्थ डे डिनर भी बर्बाद कर दिया,जबकि तुम्हारे बर्थ डे को खास बनाने के लिए मैंने जी जान से मेहनत की थी।
वेलेंटाइन डे के दिन भी तुमने मुझसे दूर रहना पसंद किया। तुमने मुझसे वादा किया था कि एक दिन हमलोग सगाई कर लेंगे। तुम्हें सिर्फ पार्टी और महिलाएं चाहिए थी मैं सिर्फ अपनी खुशियाां और तुम्हे चाहती थी। तुमने मुझसे दोनों छिन लिये। मैंने निस्वार्थ भाव से तुम पर पैसे खर्च किये और तुमने मुंह पर दे मारा। मैं तुम्हारे लिए रोती रही। अब इस दुनिया में जीने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं है। मेरी बस यही इच्छा थी कि तुम मुझसे वैसे ही प्यार करो जैसे मैं तुमसे करता हूं। मैं हम दोनों के भविष्य और सफलता के सपने देखती थी। टूटे सपनों और खोखले वादों के साथ मैं यह दुनिया छोड़ कर जा रही हूं। अब मैं हमेशा के लिए सो जाना चाहती हूं, कभी नहीं जागने के लिए। तुमने मुझे नितांत अकेला और निरर्थक कर दिया है।
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जिया के इस खत से साफ पता चलता है कि वह खुद को आदित्य पर पूरी तरह से न्योछावर कर चुकी थी। प्रारंभिक तफ्तीश के बाद पुलिस ने आदित्य को हिरासत में भी लिया लेकिन 21 दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर कर दिया। भले ही आदित्य सीधे तौर पर जिया की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन इस खत से इस हकीकत को महसूस किया जा सकता है कि जिया को मौत की दहलीज तक उनकी अहम भूमिका थी। दोषी जिया भी है। मुंबई फिल्मी दुनिया की बेरहम हकीकत को वह समझ नहीं पायी। यहां प्यार भी लोग नफे और नुकसान के लिहाज से करते हैं। किसी फिल्म को प्रोमोट करने चर्चित अदाकारों की प्रेम कहानियों को एक सुनियोजित मार्केट स्ट्रेटजी के तहत बाजार में लांच किया जाता है। मासूम मुहब्बत के लिए यहां कोई जगह नहीं है। यहां प्यार भी शातिराना अंदाज में किया जाता है।
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जिया खान एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री थी। उसका जन्म 20 फरवरी 1988 में न्यूयार्क में हुआ था। उसकी मां राबिया अमीन फिल्म अभिनेत्री रह चुकी थी जिसने बाद में अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय अली रिज्वी खान से शादी कर ली थी। जिया इन्हीं की संतान थी। जिया का लालन पालन इंग्लैंग जैसे देश के खुले वातावरण में हुआ था। पढ़ाई लिखाई में भी वह बेहतरीन थी। मात्र छह साल की उम्र में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ में उर्मिला मातोंडकर के अभिनय को देखकर उसके मन में एक अभिनेत्री बनने की इच्छा जागी थी और अपनी इच्छा को पूरा करने लिए उसने व्यवस्थित तरीके प्रयत्न करना शुरु कर दिया था। पढ़ाई के दौरान ही उसने ओपरा गायिकी का विधिवत प्रशिक्षण लिया था और 17 वर्ष में उसके छह पॉप ट्रैक भी आ गये थे। इतना ही नहीं मैनहेटन के स्ट्रेसबर्ग थियेटर और फिल्म संस्थान की एक प्रतिभाशाली छात्रा भी रह चुकी थी। 16 साल की उम्र में उसे महेश भट्ट की फिल्म ‘तुमसा नहीं देखा’ में लीड रोल के लिए आॅफर भी मिला था लेकिन उम्र कम होने और खुद को लीड रोल के लिए फिट महूसस नहीं करने की वजह से उसने यह फिल्म छोड़ दी थी। दो साल बाद जब उसे रामगोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म ‘नि:शब्द’ के लिए अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय करने का अवसर मुहैया कराया तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बचपन से देखे गये सपने सच होते हुये दिखे।  हालांकि यह फिल्म बॉक्स आॅफिस पर सफल नहीं हो सकी लेकिन इस फिल्म से जिया खान को मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में एक खास पहचान जरूर मिली। फिल्म आलोचकों ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि जिया खान एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं। बाद में आमीर खान के साथ उसे गजनी में काम करने का मौका मिला। जिया खान की अंतिम फिल्म ‘हाउसफुल’ थी। मौत के पहले उसने दक्षिण भारत की तीन फिल्में साइन की थी।
जिया को करीब से जानने वाले लोग इस  बात को मानते हैं कि वह एक अतिसंवेदनशील लड़की थी। मुंबई फिल्म जगत की क्रूर दुनिया उसके लिए मुफीद नहीं थी। बहरहाल जिया खान अब एक अफसाना बन चुकी है। जिन परिस्थितियों ने जिया को खुदकुशी की ओर धेकला वे परिस्थितियां मुंबई में कल भी थी और आज भी है और कल भी रहेंगी। शायद सूरज पंचोली भी ठोस सूबत के अभाव में अदालत से बेदाग बच जाये। ऐसे में जरूरत उन तमाम जियाओं को सावधान रहने की जो मुंबई फिल्म जगत में अपने लिए मुकाम हासिल करने लिए जूझ रही हैं। यदि संघर्ष के दौरान कभी कदम डगमगाने लगे तो इस गाने को जरूर गुनगुना लें…….
मोहब्बत कर लो, जी भर लो
अजी किसने रोका है,
पर बड़े मजे की बात है
इसमें धोखा है…..

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