लिटरेचर लव

लुबना (फिल्म स्क्रिप्ट, भाग -9)

Scene -20

Character –धूसर, मनकु, रतिया, शंभू, लुबना, सुखु

और सरोज।

Ext/Day/out side hut.

(लुबना खटिया के पास बैठी हुई है। शंभू वहीं पर खड़ा बैचनी की हालत में टहल रहा है। खादी का जैकेट पहने धूसर और सुखु खटिया पर बैठे हुये हैं। रतिया लुबना के बगल में हाथ में लोटा लेकर बैठी है। सरोज भी उसी के बगल में है।)

                लुबना

(दोनों आंखों में आंसू है, लेकिन शब्दों में गुस्सा)

यदि श्मसानी कुत्ते के औलाद को अपनाती रही त फिर अइसन औलाद से धरती पट जयतक…अपने मरद के बीज से जो कोहड़ा होव हे, ओही छप्पर पर रह सकत हे …दूसर के बीज से दुर्गंध ही फैलत…(आसमान की ओर देखते हुये)…हे गंगा माई इ का कयल…….ऊ कुत्ता के बीज हमर पेट में काहे देलअ..

               शंभू

(टहलते हुये बीच में रुकता है, लुबना को डपटते हुये)

चुप कर….इ बीज श्मसानी कुत्ता का है तुमको कइसे पता…वैसे भी फसल ओकरे होव हे जेकर खेत होव हे, चाहे बीच कोई डाले….

                लुबना

(शंभू की ओर कठोरता से देखते हुये) लुगाई खेत न हे ….इस पाप की गठरी के हम न रखबई…यही क्या कम हे कि एकर दाह संस्कार न करीत ही….

( धुसर लपककर लुबना का गर्दन पकड़ता है, मनकु और सुखु धूसर को पकड़ते हैं।)

                धूसर

खबरदार जो बच्चे के बारे में उल्टा सीधा बोली…अभी गला घोंट के मार देम…

                रतिया

(लुबना को धूसर से छुड़ाते हुये धुसर को धिक्कारते हुये)…पीछे हट, शरम नहीं आती…इ तो अपने मर रही है…

                 धूसर

(लुबना की गर्दन को छोड़ते हुये) तो एकरा समझा दो ….इसके पेट का बच्चा हमरा है….

              लुबना

(आक्रोश में) उ तो लुगाई को ही मालुम होव हे कि ओकर पेट में केकर बच्चा हे….

              रतिया

(लुबना का मुंह बंद करते हुये)

तू काहे बोल रही है…चुप रह

(धूसर से) ….अरे इ बच्चा जनम रही है न….फिर काहे हल्ला मचा रहे हो…..

                               कट टू….

                Scene -21

Chracters –Lubana and Shamshani

Ext/Day/In front of Makal

(लुबना महाकाल के सामने हाथ जोड़े खड़ी है।)

               लुबना

महाकाल, कई पुरखों से हमलोग तुमरा सेवा कर रहे हैं…तुमने ऐसा क्यों किया….भांग-धतुर और गांजा सब कुछ तो तुम पर चढ़ाते रहे …इसका यह फल दिया….कौन सी गलती हुई थी हमसे… कहते…तोरे चरण में सिर पटक देती…ई कइसा पाप करवाया महाकाल…! (लुबना महाकाल से शिकायत करने के बाद पलटती है। सामने गंदगी में श्मसानी झुककर अपने लिये कुछ खाने की तलाश कर रहा होता है। उसकी नजर लुबना पर पड़ती है, वह हड़बड़ाकर अपने दोनों जांघों के बीच देखता है और फिर पूरी शक्ति से बिना पीछे मुड़कर देखे हुये भागता है। लुबना हताश भाव से श्मसानी को देखती है और फिर आगे बढ़ जाती है। )

                               कट टू….

  गाना 2

(बैक ग्राउंड में धीमी का संगीत का महिला पर आधारित एक गीत।)

गीते के सीन

  1. लुबना का पेट फूला हुआ है, वह झोपड़ी के सामने मिट्टी से जमीन को लीप रही है, सरोज उसे हटाने की कोशिश करती है, लेकिन वह नहीं मानती है।
  2. गंगा के तट पर अकेली चली जा रही है…
  3. धूसर श्मसान में लाश लेकर आने वाले लोगों के साथ माथापच्ची कर रहा है। और फिर खाने पीने का सामान लेकर झोपड़ी में लुबना के पास आ रहा है।
  4. लुबना खाने के सारे सामान को सबकी नजर बचा कर चुपके से बाहर फेंक दे रही है, भटकता हुआ श्मसानी आता है और खाने को समेट कर खाते हुये एक ओर चला जाता है।
  5. शंभू छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेल रहा है।
  6. मनकु हमेशा सरोज पर घात लगाये हुये रहता है, और मौका मिलते ही उसे पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन सरोज भाग निकलती है।
  7. रतिया अक्सर धूसर को अकेले में पकड़ने की फिराक में रहती है, और उसके सामने आ जाने पर धूसर इनकार नहीं करता है।

 

   8. सरोज लुबना के पैर और हाथ में तेल मालिश करती है।

       Scene -22

Character- Lubana, Ratiya

Ent/Night/Inside hut

(लुबना का पेट फूला हुआ है, वह खाट पर बैठी है, बाहर से शोर शराबे की आवाज आ रही है। लैंप की रोशनी जल रही है। वह खाट से उठकर झोपड़ी में एक ओर टंगे हुये छोटे से दर्पण के पास आती है, और दर्पण उठाकर लैंप के पास पहुंचती है। लैंप की रोशनी में अपने चेहरे को गौर से देखती है। चेहरा देखते देखते हये अचानक वह चिंहुक उठती है, फिर अपने पेट की ओर देखती है।)

                  लुबना

(अपने पेट की ओर देखते हुये, गु्स्से में फूंफकारते हुये धीमे स्वर में)

कुत्ते का जना लात मारता है…..

(गुस्से में त्वरीत मानसिक प्रक्रिया के तहत वह अपने पेट पर एक जोरदार मुक्का लगाती है, और फिर अपने होठों को दातों के बीच में दबाकर जोर स कराह उठती है। वह जमीन पर बैठ जाती है। दातों के दबाव से उसके होठों से खून रिसने लगता है। रतिया झोपड़ी में प्रवेश करती है। उसकी नजर जमीन पर कराह रहे लुबना पर पड़ती है, वह लुबना की ओर लपकती है।)

                              कट टू….

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