अंदाजे बयां
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जिय रजा कासी !
काशीनाथ सिंह का उपन्यास अपना मोर्चा जब पढा था तब पढता था और उस का ज्वान उन दिनों रह रह…
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गरम रोटी की महक पागल बना देती मुझे
दयानंद पांडेय, अदम गोंडवी क्या गए लगता है हिंदी कविता की सुबह का अवसान हो गया। हिंदी कविता में नकली…
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… मस्त हूं अपनी मस्ती में (ओशो जन्मदिवस-11दिसंबर)
विचारों की एक ऊंची श्रृंखला और आध्यात्मिक आंदोलन की आंधी का दूसरा नाम है ओशो। वास्तव में ओशो मानवता की…
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डोली में बिठाई के कहार…
स्वयंबरा बक्शी हुनहुना रे हुनहुना, हुनहुना रे हुनहुना का समवेत स्वर ………..लाल जोड़े में शरमाई सकुचाई सी दुल्हन …….और डोली…… कैसा रूमानी सा…
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सिताब दियारा की अतृप्त यात्रा
( विरेन्द्र कुमार यादव ) लोकनायक जयप्रकाश नारायण का पैतृक गांव सिताब दियारा का कुछ हिस्सा बिहार में है अधिकांश…
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जात ,धर्म और उम्र से ऊपर है प्रेम
(मटुक नाध चौधरी) ‘प्रेम के प्रकार’ शीर्षक लेख में मैंने प्रेम के दो मुख्य भेद बताये हैं- प्राकृतिक और सामाजिक।…
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प्यार आपका मालिक है, आप उसके सेवक
(मटुक नाथ चौधरी ) प्यार को समाज में अच्छे-बुरे सब रूपों में लिया जाता है। लोग एक तरह के हैं…
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पल पल में अब बनेगा तेरा कल… (कविता)
दीपशिखा शर्मा कुछ जिंदगी के पल… सपने बुनते – बुनते हमको कहते हैं कि चल कुछ जिंदगी के पल… कह…
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मानव ने प्रकृति से बहुत खेल खेला… (कविता)
दीपशिखा शर्मा सावन की घटा छाई रिमझिम बूंदों की सवारी संग आई , हर जगह पहले तो वर्षा की खुशी…
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शहीद भगत सिंह में न तो ग्लैमर है, न मार्केट वैल्यू, न कोई टीआरपी
चंदन कुमार मिश्र, पटना 23 मार्च 2011 को हमारे देश की संसद में यह तय किया जा रहा था…
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