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Patna
Friday, May 3, 2024

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-6)

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फ्री-स्टाइल में होता था फैटा-फैटी  घिच-पिच आबादी वाली बस्ती कई मायनों में बच्चों को समृद्ध करती हैं, और उनके अंदर व्याप्त सहज गुणों को...

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-5)

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रेलवे लाइन पर वर्चस्व को लेकर जंग हिंसा एक स्वाभाविक गुण है- रग-रग में स्वस्फूर्त तरीके से दौड़ने वाली चीज- और यदि इसे परिष्कृत रूप...

तिरंगा बोल रहा है..!

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ट्रिंग ट्रिंग...ट्रिंग ट्रिंग..ट्रिंग ट्रिंग.......हैलो नायक   ! फोन पर नाम के साथ हैलो कहने का नायक  का  स्टाइल यूनिक है। कहता है, इस तरह कॉल करने...

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-4)

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पुनाईचक के रग-रग में आक्रमकता भरी हुई थी किसी शहर की सांस्कृतिक समृद्धि का अहसास उस शहर के सिनेमाघरों और नाट्य थियेटरों को देख किया...

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-3)

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वीणा सिनेमाघर में फिल्म शोले से खाता खुला       आलोक नंदन  सभ्यता के विकासक्रम में लाइफ स्टाइल के साथ सोचने के तरीकों को तब्दील करने में...

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-2)

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(दिल्ली, जम्मू, पंजाब और मुंबई जैसे शहरों में  लंबे समय तक भटकने के दौरान पटना की बहुत याद आती रही। जिंदगी और खुली आंखों...

पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-1)

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(दिल्ली, जम्मू, पंजाब और मुंबई जैसे शहरों में  लंबे समय तक भटकने के दौरान पटना की बहुत याद आती रही। जिंदगी और खुली आंखों...