हिंसा के पेट से हिंसा ही जन्म लेगी
हिंसा से प्रतिहिंसा, प्रतिहिंसा की प्रतिक्रिया- यह आतंकवाद की शृंखला है। धर्म के नाम पर ऐसा आतंकवाद दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है...
इन गलियों में भी बसती है कला…
उत्तमा दिक्षित
यह गलियां जनजातियों की बसावट वाली है। गंदी और सामान्य जन सुविधाओं के अभाव से त्रस्त इन गलियों की कला अलग पहचान है।...
जो सुनायेगा दिखायेगा,वही बच पायेगा
सुधीर राघव
क्या जो बांचा जाए सिर्फ वही साहित्य है? क्या जो लिखे वही लेखक है? क्या जो बोले वही वक्ता है? क्या जो प्रस्तुत...
अब तो ‘राइट’ हो जाओ लेफ्ट
नवीन पाण्डेय, नई दिल्ली
यह तो अब सभी जान गए हैं कि बंगाल में बदलाव की बयार चली और ममता बनर्जी की आंधी में लेफ्ट...
मजदूरों को चूसता हिंडाल्को व दुम हिलाते पत्रकार
शिवदास
एशिया की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी हिंडाल्को का कहर संविदा श्रमिकों पर निरंतर जारी है। कंपनी के जुर्म से आजीज आकर रेणकूट इकाई...
सारंगी की तान छेड़ते ये गुदड़िया बाबा
दिमाग पर थोडा जोर दें तो आपको बचपन के वे दिन याद आ जायेंगे जब गुणा बाबा या गुदरिया बाबा को देखते ही आप...
पत्थर की खादानों में लाश बिछाते नौकरशाही, सफेदपोश व खनन माफिया
शिव दास
गरीबी, बेरोजगारी, जिम्मेदारी और लाचारी से बेहाल विंध्य क्षेत्र के आदिवासियों की संस्कृति का अस्तित्व खतरे में है । लाल किले पर अपनी...
“लोग भूल गये ,हिन्दी चित्रपट में चित्रगुप्त का संगीत “
--रविराज पटेल,
तड़पाओगे तड़पा लो हम तड़प तड़प कर भी तुम्हारे गीत गायेंगे... (बरखा- १९५९ ) ऐसे गीतों को मर्म संगीत से चित्रगुप्त ही सजा...
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एन.एस.डी.) में बिहार के प्रथम छात्र प्यारे मोहन...
- रविराज पटेल,
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एन.एस.डी.) दिल्ली की स्थापना सन 1959 ई. में संस्कृति मंत्रालय ,भारत सरकार के स्वायत्त संस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा...
बहुत परेशान करती हैं मान्यताएं
एक किस्सा सुना रहा हूं। एक गांव के किनारे की सड़क से पति-पत्नी लड़ते हुए गुजर गए। उन दोनों को लड़ते हुए गांव के...