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अंकुश राजा और रक्षा गुप्ता स्टारर भोजपुरी वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ का ट्रेलर हुआ जारी

रूढ़िवादी विचारों के वजह से जबरन जैसी कुप्रथा पर आधारित वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ का ट्रेलर आज पटना में एक खास कार्यक्रम के दौरान आउट कर दिया गया है। यह ट्रेलर अपने विषय को लेकर एक मुखर अभिव्यक्ति है, जो हर किसी के दिल को झकझोर कर रख देगा। सीरीज की कहानी समाज के उस गंभीर समस्या को दिखाने का एक सार्थक प्रयास है, जिसके तहत कम उम्र और बिना मैच के अंजान लोगों से जबरन शादी कर दी जाती थी। इसी कहानी पर अंकुश राजा और रक्षा गुप्ता को लेकर यह वेब सीरीज है, जो कि 10 दिसंबर को स्ट्रीम होगा।

इस सीरीज का निर्माण अभय सिन्हा की यशी फिल्म्स द्वारा की गई है। इसके निर्देशक विकास तिवारी हैं। वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ को लेकर विकास तिवारी ने बताया कि इसका ट्रेलर अब पब्लिक डोमेन में है। लोगों को यह पसंद भी आ रही है। हमारी कोशिश रही है कि हम एक संवेदनशील विषय के साथ एक सार्थक कहानी दर्शकों के बीच रखें। उन्होंने कहा कि वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ हर मायने में पावर फुल मनोरंजन वाला है। इससे हर कोई कनेक्ट कर पाएगा। यह मनोरंजन के साथ रूढ़िवादी विचारों पर कड़ा प्रहार करने वाला सीरीज है।

वहीं, अंकुश राजा ने कहा कि भोजपुरी में वेब सीरीज की कल्पना मुश्किल है, लेकिन अभय सिन्हा और ओटीटी चौपाल ने यह कर दिखाया है। उनका शुक्रगुजार हूं कि इसमें मुझे काम करने का मौका मिला और आज हमारी एक बेहतरीन वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ बन कर तैयार है। मुझे उम्मीद है, इसे दर्शकों का भरपूर स्नेह और प्यार मिलेगा।

आपको बता दें कि वेब सीरीज ‘पकडुआ बियाह’ में अंकुश राजा और रक्षा गुप्ता के साथ अनारा गुप्ता, विनीत विशाल, विष्णु शंकर बेलु, बिजेंद्र सिंह बिआईबी,शकील शेख मुख्य भूमिका में हैं। इसके पीआरओ रंजन सिन्हा हैं। लिरिक्स और म्यूजिक ओम झा व गोविंद झा का है। प्रोजेक्ट हेड पंकज तिवारी हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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