दूरदर्शन के मिड प्राइम टाइम की नई आवाज धारावाहिक ’’हमनवाज़’’

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रिपोर्ट राजू बोहरा

भारत में आज टेलीविजन का दौर अपने सफलता के चरम पर है। टेलीविजन की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की आज बड़ी से बड़ी फिल्मो के प्रमोशन एवम विज्ञापन के लिए टीवी की जरुरत पड़ती है। कारण है टेलीविजन का बड़ा कैनवास, उसकी पहुँच। टेलीविजन आज अपने आप में पूरी दुनिया समेटे हुए है, इसमें जीवन के हर रंग, हर रस के दर्शन होते है, फिर चाहे वो कॉमेडी हो, त्रास्दी हो, सस्पेंस हो, ड्रामा हो या मैलो ड्रामा हो, यू तो आज प्राइवेट चैनल्स की बाढ़ सी आ गई है पर आज भी जो पहुँच दूरदर्शन की है वो शायद ही किसी और चैनल की हो, दूरदर्शन आज भी देश की सभ्यता एवम संस्कृति से जुड़े धारावाहिक एव कार्यक्रम दिखा रहा है। इसके धारावाहिक दर्शको का न केवल मनोरंजन करते है बल्कि इनके अंदर समाज के उत्थान के लिए कोई न कोई सीख भी अवश्य ही छिपी होती है।

आज भले ही प्राइवेट चैनल्स का दौर चल रहा हो लेकिन हिंदुस्तान के घर-घर में टीवी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी हमारे स्वदेशी चैनल दूरदर्शन को ही जाता है।  गौरतलब तथ्य यह है की आज के इस आधुनिक दौर में भी हमारा स्वदेशी चैनल दूरदर्शन भेड़चाल से दूर अभी भी ऐसे सामाजिक और पारिवारिक धारावाहिक व कार्यक्रम प्रसारित कर रहा है जिसके लिए वो शुरू से जाना है यानी आज भी डीडी के धारावाहिको में भारतीय संस्कृति एव सभ्यता की झलक देखने को मिलती है।
3 अगस्त से दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल डी डी नेशनल पर एक ऐसा ही सामाजिक और पारिवारिक नया डेली सोप ’’हमनवाज़’’ मिड प्राइम टाइम यानी दोपहर में शुरू हुआ है जिसमे दर्शको को हमारी संस्कृति, सभ्यता और जीवन मूल्यों की झलक देखने को मिल रही है। इस नए शो ’’हमनवाज़’’ का प्रसारण समय है सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 1 बजे।
धारावाहिक ’’हमनवाज़’’ का निर्माण दूरदर्शन के लिए ’’एस.एम.आर.टेली फिल्म्स’’के बैनर तले निर्मात्री अश्विनी सिदवानी कर रही है जो इससे पूर्व भी दूरदर्शन के प्राइम टाइम के लिए ’’एक किरण रौशनी की’’ जैसा सफल व चर्चित डेली धारावाहिक बना चुकी है। इस धारावाहिक को राजेश गुप्ता निर्देशित कर रहे है और इसके संवाद लिख रहे है देश के सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि स्वर्गीय श्री हुल्लड़ मुरादाबादी के सुपुत्र युवा कवि-लेखक व अभिनेता नवनीत हुल्लड़ जो इनके पिछले चर्चित शो ’’एक किरण रौशनी की’’को भी लिख चुके है। धारावाहिक की पटकथा स्वयं निर्माती अश्विनी सिदवानी लिख रही है और धारावाहिक के रचनात्मक प्रमुख है अरपन भूखनवाला।
इस पारिवारिक धारावाहिक ’’हमनवाज़’’में फिल्मो और टेलीविजन के दर्जनो लोकप्रिय कलाकार अभिनय कर रहे है जिनमे भारतीय सिनेमा के मशहूर खलनायक रंजीत के अलावा फरीदा दादी, मुश्ताक खान, नवनीत हुल्लड़, गीता शंकर, रिचा सोनी, मोहसीन खान, मुक्ता सिंह, राज छाबरिया, नीलम गांधी, सोनम अरोरा और प्रशांत कनौजिया जैसे जानेमाने कलाकार मुख्य रूप से शामिल है। अभिनेता रंजीत लम्बे अर्से बाद टीवी पर काम रहे है। दूरदर्शन के सीरियल में तो रंजीत शायद पहली बार काम कर रहे है। कई वर्ष पूर्व वह सब टीवी के शो ’’जुगनी चली जालंधर’’में कॉमेडी करते नजर आये थे उस शो के बाद अब वह इस शो ’’हमनवाज़’’ में हरियाणवी परिवार के मुखिया की बेहद गंभीर व दिलचस्प भूमिका निभा रहे है।
धारावाहिक ’’हमनवाज़’’ दो अलग-अलग संस्कृतियो के मिलन की कहानी है जो लोगो को यह मैसेज देती है की नफरत चाहे जितनी भी बड़ी क्यों ना हो, उसे प्रेम के माध्यम से जीता जा सकता है। इस धारावाहिक की कहानी के केन्द्र में मुख्यत तीन परिवार है पहला है हरियाणवी जाट परिवार, दूसरा साऊथ इंडियन तमिल परिवार, और तीसरा है किसान परिवार। जाट परिवार का मुखिया गाँव का सरपंच है जो कि कहानी की शुरुआत में ही प्रेम विवाह के मामले में पंचायत का परंपरागत फैसला सुनाता है जिससे ये पता चलता है कि हरियाणा की पंचायते आज भी रूढि़यों पर चलती है। उधर तमिल परिवार अभी अभी स्थांतरित होकर हरियाणा आता है उसका मुखिया राघवन स्वभाव से थोडा असंयमित है और यहाँ की रूढि़वादी परम्पराओ से अंजान है। दोनोे परिवारों की ना सिर्फ जाति, संस्कृति और विचारधारा भिन्न है बल्कि उनकी सोच एव जीवन मूल्यों में भी जमीन आसमान का अंतर है। सोचिये जब ये दोनों परिवार मिलगे तो किस तरह का टकराव इनमे होगा इसका अंदाजा खुद दर्शक भी लगा सकते है। बनते बिगड़ते पारिवारिक रिस्तो पर आधारित इस शो में समाज के कई ज्वलंतशील मुद्दो को ना सिर्फ उठाया गया है बल्कि घटनाओं के माध्यम से उनके हल भी सुझाने का प्रयास भी किया गया है। मसलन बलात्कार का हल हम कड़े कायदे कानून और चुस्त दुरुस्त पुलिस व्यवस्था में खोजते है जबकि इसका समाधान हमारी प्रवृत्ति हमारी सोच से जुड़ा है सोच बदलेगी तो समाज बदलेगा, स्त्रियों के प्रति पुरुषो की सोच उनका दृष्टिकोण जब तक नहीं बदलता तब तक स्थितियां नहीं सुधरेंगी।

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