निर्माता प्रदीप रंगवानी की फिल्में ‘लेट्स मीट और “गुठली लड्डू’ फिल्म बाजार, इफ्फी, गोवा में दिखाई जाएंगी

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फ़िल्म मेकिंग मेरा जुनून है, फिल्में समाज में बदलाव ला सकती हैं – प्रदीप रंगवानीम

अमरनाथ, मुंबई। प्रदीप रंगवानी, जो पॉल के नाम से जाने जाते हैं, फिल्मों के माध्यम से सार्थक और अनूठी कहानियों को पेश करने का जुनून रखते हैं।

“समाज में लोगों के सामने जो चुनौतियां आती हैं, उनके बारे में अपने विचार रखने के लिए फिल्में एक बेहतरीन मंच हैं। यह सच है कि हम सभी अपने समाज के मुद्दों से अच्छी तरह परिचित हैं, लेकिन हम अक्सर उन्हें अनदेखा कर देते हैं और हमारी फिल्में इन मुद्दों को दर्शाती हैं।” प्रदीप रंगवानी कहते हैं।

यूवी फिल्म्स की नई फिल्में ‘लेट्स मीट’ 21 नवंबर 2022 को और “गुठली लड्डू’ 24 नवंबर को फिल्म बाजार, इफ्फी, गोवा में दिखाई जाएंगी।

इशरत आर खान द्वारा निर्देशित ‘गुठली लड्डू’ में अभिनेता संजय मिश्रा मुख्य भूमिका में हैं। कहानी एक गरीब बच्चे के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है जो खुद को शिक्षित करना चाहता है। लेकिन, चूंकि वह समाज के निचले तबके से है, इसलिए उसका रास्ता मुश्किलों से भरा है।

इस फ़िल्म ने निम्नलिखित श्रेणियों में 51 से पुरस्कार प्राप्त किए हैं: फोर्ट स्मिथ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, अरकंसास, यूएसए में बेस्ट ओवरऑल फिल्म और बेस्ट नरेटिव फीचर। 27वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार। इसे कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 में प्रदर्शित किया गया था।

तनुज विरवानी अभिनीत और रिक्की संधू द्वारा निर्देशित अगली फिल्म ‘लेट्स मीट’ है। यह फिल्म आज के समय में प्रेम संबंधों को दर्शाती है।

यूवी फिल्म्स ने सचिन सराफ द्वारा निर्देशित अपनी अगली फिल्म के लिए अभिनेता अमित साध को साइन किया है।

यूवी फिल्म्स हर वर्ष 4 फिल्में बनाने के विजन के साथ काम कर रही है, जो अगले 5 वर्षों में 20 फिल्मों का प्लान रखती है। ये फिल्में बेहतरीन कंटेंट वाली होंगी जिस्के किरदारों और कहानियों से दर्शक खुद को जोड़ सकते हैं। वैसी फिल्में जो हमारे समाज की वर्तमान हालत को दर्शाती हैं।

प्रदीप रंगवानी कहते हैं, “मैं फिल्में बनाना जारी रखूंगा क्योंकि यह अब मेरा जुनून है और मेरा मानना है कि फिल्में निश्चित रूप से समाज में बदलाव ला सकती हैं।”

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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