मध्य प्रदेश को लगा कुष्ठ, विभाग बेखबर
नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्टिंग
मध्य प्रदेश में अब अन्य संक्रामक बीमारियों के साथ ही कुष्ठ रोग के मरीजों की संख्या में चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की जा रही है। यह खुलासा भारत शासन द्वारा कराए जा रहे 8 जिलों के सैंपल सर्वे से हुआ है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अभी तक इस संक्रमण पर नियंत्रण का दावा कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में 6 सितंबर को विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई कुष्ठ रोग की जानकारी चितांजनक नहीं थी। जबकि भारत शासन के सर्वे ने इस बार मध्य प्रदेश में कुष्ठ रोग की प्रीविलेंस रेट (व्यापकता की दर ) ही सवालिया निशान लगा दिया है। सर्वे किए जा रहे जिलों के कुष्ठ अधिकारियों ने न सिर्फ जमीनी हकीकत बताई बल्कि इस बात को भी स्वीकारा कि कई इलाकों में अंडर रिपोर्टिंग के कारण अभी भी शासन के पास रोगियों के आंकड़े काफी कम हैं। विभाग के अनुसार राज्य में मार्च 2010 तक कुल कुष्ठ रोगियों की संख्या 4589 हैं, जो झारखंड जैसे राज्य से भी अधिक है।
सालों से रूका है सर्वे
लेप्रेसी अधिकारियों की मानें तो कुष्ठ रोगियों की संख्या के लिए समुदाय में सालों से सर्वे हुआ ही नहीं है। यही कारण है कि अब सर्वे करने पर अचानक बड़ी संख्या में नए मरीज मिल रहे हैं। जागरूकता की कमी के कारण लोग कुष्ठ के प्राथमिक लक्षणों को पहचान नहीं पाते और यह संक्रमण परिवार के अन्य सदस्यों को भी होने लगता है। अभी भी कुष्ठ को समाजिक कलंक मानकर मरीज और परिजन इस रोग को छुपाने की कोशिश करते हैं या फर्जी डॉक्टरों से उपचार कराते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ जाता है।
10 जिलों के पास 0 बजट
कुष्ठ रोग की इस जमीनी हकीकत के वाबजूद मार्च से अभी तक जिलों को राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मिला करोड़ों का बजट आवंटित नहीं किया गया। जिसके चलते 10 प्रभावित जिलों में नियंत्रण कार्यक्रम ठप पड़े हैं।
खरतनाक है जिलों की स्थिति
भोपाल – एनएसएस के रैंडम सर्वे के दौरान भोपाल के फंदा में 16 और बैरसिया में 12 नए कुष्ठ रोगी मिले। यहां के लेप्रेसी अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव के अनुसार आंकड़े देखकर कहा जा सकता है कि पिछले सालों की तुलना में अब रोग का दायरा (पीआर रेट) बढ़ रहा है।
इंदौर – पहले के 336 कुष्ठ रोगियों के चलते इंदौर जिले की पीआर रेट एक से अधिक है, जिला लेप्रेसी अधिकारी डॉ. महेश मालवीय ने बताया कि एनएसएस के सर्वे में 6 वार्डों में 8 रोगी मिले हैं। जिसमें से 5 अधिक संक्रमित हैं।
नीमच – नीमच जिले की स्थिति कुष्ठ के मामले में इस सर्वे के बाद और खराब होगी क्योंकि यहां के दो ब्लाक में ही 24 नए कुष्ठ रोगी मिले हैं। जिला लेप्रेसी अधिकारी अनिल दुबे के अनुसार उन्हें पिछले सर्वे की जानकारी नहीं है, हो सकता है दस साल पहले सर्वे कराया गया हो।
छतरपुर – यहां के दो ब्लॉक में 16 और 12 नए मरीज मिले हैं जिससे यहां की पीआर 0.5 से बढ़कर 0.7 हो गई है। अभी तक जिले में कुल 137 कुष्ठ रोगी है। डॉ. सीएस बाजपेयी के अनुसार सालों बाद डोर टू डोर सर्वे हो रहा है इसलिए नए मरीजों की संख्या ज्यादा है। इसके साथ ही कई अन्य जिलों बरहानपुर, ग्वालियर, कटनी, मुरैना में भी यह सैंपल सर्वे जारी है। जहां नए मरीजों की संख्या चौंकाने वाली है।
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