लिटरेचर लव

संघर्ष (कविता)

…….सुशीला के सी आस्था,

आओ अंधेरे दूर करें लिए मशालें थाम
गर मंजिल पाना है सपने गढ़े महान

नये संघर्ष, क्यों भरोसा किसी का
याकि करो खुद पर खुद बनो अपनी पहचान

आओ अंधेरे दूर करें लिए मशालें थाम
गर मंजिल पाना है सपने गढ़े महान

बहुत बहा लिए आँसू तुमने अब तुम संघर्ष करो
तुम भी जागो हम भी और बदले ये जहान

आओ अंधेरे दूर करें लिए मशालें थाम
गर मंजिल पाना है सपने गढ़े महान

परिवर्तनों के खातिर आओ करे नये विचार
नयी सोच नयी उम्मीदें नया हो हर इन्सान

आओ अंधेरे दूर करें लिए मशालें थाम
गर मंजिल पाना है सपने गढ़े महान

***

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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