प्लेबैक सिंगिंग में अपनी अलग एव सफल पहचान बनना चाहती हूँ – सिम्मी

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राजू बोहरा, नयी दिल्ली
कहते हैं इस संसार में कोई भी इंसान जन्म से न तो विद्वान होता है और न ही बुद्धिमान। मनुष्य कड़ी मेहनत और अपनी सच्ची लगन से अपने काम को इतना अधिक ऊंचा उठा लेता है कि उसे समाज में मान-सम्मान और ख्याति तो मिलती ही है, साथ ही वो लोगों के लिए प्रेरक भी बन जाते हैं। ऐसी ही प्रतिभाओ में एक नाम सामने उभरकर आता है दिल्ली की उभरती युवा गायिका स्मिता शिप्ले का जो स्टेज शोज में बतौर सिंगर सिम्मी के नाम से भी मशहूर है। इस उभरती गायिका सिम्मी का नाम दिल्ली के संगीत प्रेमियों के लिए किसी खास परिचय का मोहताज नहीं है क्योकि वह लम्बे अर्से से स्टेज शोज में बतौर गायिका न सिर्फ सक्रिय है बल्कि अपना अच्छा खासा नाम भी कमा लिया है।  गौरतलब बात यह है की सिम्मी ने गैर सिंगिंग बैकग्राउंड वाले परिवार से होने के बावजूद अपनी सच्ची लगन और मेहनत से स्टेज सिंगिंग में अपनी खासी पहचान भी बनाई है। स्टेज सिंगिंग के बाद अब सिम्मी का बॉलीवुड की फिल्मो में प्लेबैक सिंगिंग करना ही एक मात्र लक्ष्य है। विभिन्न मंचो पर अपनी शानदार गायकी का लोहा मनवाने वाली दिल्ली की इस उभरती गायिका से हाल ही में नयी दिल्ली के ”फिक्की ऑडिटोरियम” में आयोजित ”मो. रफ़ी नाईट” और ”निर्मल पांडेय मैमोरियल अवार्ड”प्रोग्राम के दौरान बातचीत करने का मौका मिला जहा वो भी अपनी गायन प्रतिभा स्टेज पर का बखूबी प्रदर्शन कर रही थी। इस कार्य कर्म में देश की अलग-अलग क्षेत्र की अनेक मशहूर हस्तिया मौजूद थी जिनमे केंद्रीय स्वास्थ्य एव कल्याण मंत्री डा. हर्ष वर्द्धन, सांसद डा. उदित राज, सांसद सतीश गौतम, और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय जैसी बड़ी हस्तिया मुख्य रूप से शामिल थी।  प्रस्तुत है सिम्मी से किये गए साक्षात्कार के प्रमुख अंश-

सिम्मी जी सबसे पहले आप ये बताये की सिंगिंग के फील्ड से आप कब से जुडी है और आपका बैकग्राउंड क्या रहा है मेरा मतलब है की आपकी फैमिली में भी कोई सिंगिंग से जुड़ा है?

मुझे गाने का शौक बचपन से ही रहा है पर में एक नोन सिंगिंग फैमिली से हूँ और मेरे परिवार में कोई भी इस प्रोफेशन से नहीं जुड़ा है मेरे पापा सुशील एल सिंह एक सरकारी अधिकारी रहे है जो अब रिटायर्ड हो चुके है और माँ वीना सिंह हॉउस वाइफ होने के साथ-साथ सोशल वर्कर भी रही है ।  शौकिया तौर पर तो मैंने स्कूल टाइम में ही गाना शुरू कर दिया था, पर प्रोफेशनली तौर पर शोज में स्टेज पर मैंने सिंगिंग कॉलेज टाइम में शुरू कर दी थी। तब से अब तक लगातार शोज कर रही हूँ और करीब बारह-तेरह साल हो गए है मुझे शोज में गाते हुये। अब तक में देश-विदेश में सैखड़ो शोज कर चुकी हूँ और लोगो की अच्छी सराहना भी मिली है। घर में शादी से पहले भी मुझे अपने मम्मी-पापा का भरपूर स्पोट मिला है और शादी के बाद मेरे हसबेंड  का भी पूरा स्पोट मिला है, उनके सपोट के कारण की आज में अपनी दौहरी जिम्मेदारिया निभा पा रही हूँ। मेरे लिए ये ख़ुशी की बात है की मेरे हसबैंड एल्विस शिप्ले भी इसी फील्ड से है और वो एक अच्छे म्यूजिशियन के साथ-साथ एक अच्छे सिंगर भी  है और वो देश-विदेश में लगातार शोज करते रहते है, उनको गीत-संगीत की भी काफी अच्छी नॉलिज है ।
क्या आपने किसी संस्थान से गायकी की कोई प्रोफैशनल शिक्षा भी ली है कही?

हां ”मैंने गंधर्व महाविद्यालय” नयी दिल्ली से दो साल तक संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण की है  इसके अलावा संगीत के और भी कोई अच्छे जानकारों से क्लास भी ली है पर असली अनुभव तो स्टेज पर गाने से ही मिला है जहा लोगो के सामने लाइव गाना होता है, मुझे नहीं लगता की स्टेज शोज से बढ़िया कोई मंच है सिखने के लिए किसी नये सिंगर के लिए।
अब तक किस तरह के शो अपने ज्यादा किये है और कहा कहा कर चुकी है ?

मैंने अब तक हर तरह के शोज किये है और हर तरह के गाने गा लेती हूँ लेकिंग खुश किस्मती से मुझे पुराने लीजेंड सिंगरो के नाम से होने वाली नाईट जैसे ”किशोर कुमार नाईट”, मोः रफ़ी नाईट, में ज्यादा गाने का मौका मिला है। मेरी तो शुरुआत ही 2003 में ”किशोर कुमार मैमोरियल क्लब दिल्ली” द्वारा आयोजित ”किशोर कुमार नाईट” से ही हुई थी जिसमे मैने फस्ट प्राइज भी जीता था और उसके बाद तो फिर मैंने ”किशोर कुमार मैमोरियल क्लब द्वारा आयोजित ”किशोर कुमार नाईट” में लगातार तीन साल तक फस्ट प्राइज भी जीता था। उसके अलावा मुझे और भी बहुत सम्मान मिले है। मैंने वैसे तो अब तक दिल्ली, मुंबई,चंडीगढ़, गोवा, कलकत्ता, बैंगलोर सहित लगभग सभी बड़ी सिटी में शो कर चुकी हूँ लेकिंग सबसे ज्यादा शो दिल्ली में ही किये है, देश के अलावा कोई शो विदेश में भी किये है।  अब तक में सौखडो शोज कर चुकी हूँ और ये सफर आगे भी जारी है।

आप पिछले बारह-तेरह सालो से सिंगिंग में है और सौखडो स्टेज शोज भी कर चुकी है पर आपने अभी तक फिल्मो में प्लेबैक सिंगिंग के लिए प्रयास नहीं किया, आपका लक्ष्य है क्या?
अपने मेरे मन की बात पूछ ली सच पूछो तो मेरा सपना ही फिल्मो में प्लेबैक सिंगिंग करना है पर अभी तक कोई ऐसा मौका नहीं मिला लेकिन कोशिशे जारी है ,बस इंतजार है एक अवसर का। मुझे उम्मीद है की भगवन कभी न कभी वो मौका भी ला ही देगा जब में फिल्म के लिए गा सकुंगी। सच कहू तो मेरा लक्ष्य प्लेबैक सिंगिंग करना है। अब देखते ईश्वर अब कब हमारी यह तमना पूरी करता है।
आपको स्टेज सिंगिंग और प्लेबैक सिंगिंग में ज्यादा चुनौतपूर्ण कौन काम सा लगता है ?

देखिये अभी तक तो मैने किसी फिल्म के लिए प्लेबैक तो किया नहीं है पर इस लिए उसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं बता पाऊँगी पर स्टेज शोज में तो लाइव गाने का लम्बा अनुभव है इस लिए मुझे ऐसा लगता है की स्टेज शोज में लाइव गाना ज्यादा मुश्किल है क्योकि वह कोई कट नहीं है जबकि प्लेबैक सिंगिंग में रेकार्डिंग में कट या रिटेक का मौका हमे मिलता है पर दोनों फील्ड की अपनी-अपनी खूबियां और खामिया है। प्लेबैक सिंगिंग में मैं हर किस्म के वैरायटी वाले गाने गाना चाहती हूँ।
स्टेज परफोरमेंस के दौरान क्या आपको कभी बॉलीवुड के किसी बड़े प्लेबैक सिंगर के साथ गाने का मौका भी मिला है क्या?

हा बहुत बार काफी बड़े सिंगर्स और टीवी कलाकारों के साथ या उसी मंच पे गाय है, जिनमे कुमार शानु, जसपिंदर नरूला, मिक्की नरूला, मौ.सलामत, स्नेह पंत, सुदेश भोसले, भप्पी लहरी, हंस राज हंस, अनु कपूर, उपासना सिंह जैसे नामचीन लोगो से साथ मौका मिला जो मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि वाली बात है। मेरे लिए सबसे बड़ी ख़ुशी की बात यह है लोग मुझे स्टेज गायिकी में दिल्ली की लता या जूनियर लता भी बोलते है जो मेरे लिए एक बहुत बड़े सम्मान की बात है। लता जी वैसे भी सिंगिंग में मेरी आदर्श है।
आपके पसंदीदा गायक-गायिकाओं कौन-कौन से सिंगर्स शामिल है?

पुराने दौर के सिंगर्स में लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मौ.रफ़ी आशा भौशले, और नए दौर के सिंगर्स में उदित नारायण,कुमार सानु, सोनू निगम, श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान आदि मेरे पसंदीदा सिंगर्स है।
समाज व देश के प्रति भी कलाकारों की कुछ जिम्मेदारी बनती है इस बारे में आप क्या सोच रखती है?

हा बिलकुल कलाकारों की देश व समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है और हर किसी को कुछ ना कुछ अपना योगदान देना चाहिये, खास तौर से बड़े कलाकारों को आगे आना चाहिए और लोगो के भलाई के लिए सामाजिक काम करना चाहये क्योकि उनसे लोग बहुत ज्यादा प्रभावित होते है।

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