रिंकल शर्मा की पुस्तक ‘हिन्दी के नौ सारथी’ का विश्व पुस्तक मेले में दिग्गजों ने किया शानदार लोकार्पण

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राजू बोहरा नयी दिल्ली,
देश की राजधानी दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले का शानदार आगाज हो चुका है जहा दुनिया भर के लेखको की किताबो का बाजार सज चुका है और अनेक प्रसिद्ध लेखको के साथ साथ नए उभरते लेखको की बुक्स का भी लगातार विमोचन हो रहा है इस कड़ी में एक नाम युवा लेखिका रिंकल शर्मा  का भी शामिल है जिनकी कल 6 जनवरी रविवार को लेखिका रिंकल शर्मा द्वारा लिखित एवं डॉयमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित एक महत्वपूर्ण पुस्तक” हिन्दी के नौ सारथी” का लोकार्पण  विश्व पुस्तक मेले में किया गया।

पुस्तक लोकार्पण के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कवि पदमश्री अशोक चक्रधर के करकमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा लेखिका रिंकल शर्मा को सम्मानित किया गया। साथ ही कार्यक्रम में आये अतिथियों कुंवर बेचैन, अरुण माहेश्वरी, मृदुला गर्ग, विनय जायसवाल तथा नरेंद्र वर्मा के द्वारा पुस्तक लोकार्पण किया गया।

लेखिका रिंकल शर्मा ने बताया कि उनकी यह पुस्तक “हिंदी के नौ सारथी” हिंदी भाषा के उन नौ महारथियों अशोक चक्रधर, सुरेंद्र शर्मा, कुँवर बेचैन, मृदुला गर्ग, ममता कालिया, अरुण माहेश्वरी, मीरा जौहरी, अरुण जैमिनी तथा नरेंद्र वर्मा के बारे में है जो वर्षों से हिंदी की सेवा में समर्पित रहे हैं और जो आज के समय में हिन्दी के हस्ताक्षर माने जाते हैं।

पुस्तक के अंदर इन नौ सारथियों के हिन्दी के प्रति विचार, हिन्दीके प्रति उनके योगदान एवं संघर्ष के साथ साथ हिन्दी भाषा के सामने आज जो समस्याएँ उत्पन्न हैं उन पर प्रकाश डाला गया है। लेखिका के उनकी अनुसार यह पुस्तक सम्पूर्णतः हिंदी भाषा को समर्पित है।

लेखिका रिंकल शर्मा की इसके अलावा दो अन्य दो पुस्तके ‘मस्ती की पाठशाला” और ‘दिल तो बच्चा है’ भी इसी बार आई है, ‘मस्ती की पाठशाला” का लोकार्पण 5 जनवरी को लक्ष्मी शंकर वाजपाई और वेद प्रताप वैदिक द्वारा किया जा चुका है और 9 जनवरी को  ‘दिल तो बच्चा है’ का लोकार्पण होगा।  लेखिका रिंकल शर्मा राइटर के साथ-साथ एक अच्छी थियेटर व टेलीविजन अदाकार भी है। वह लम्बे समय तक थिएटर नाटको में और टीवी शोज में काम कर चुकी है।

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