सीएम नीतीश कुमार ने सुनी 153 फरियादियों की फरियाद

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 153 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

नीतीश कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’कार्यक्रम में शामिल होकर 153 लोगों की शिकायतें सुनीं। रोहतास से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका थी, जिनका सेवाकाल के दौरान ही पिछले साल कोरोना से निधन हो गया। अब तक परिवार को अनुग्रह अनुदान नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

गोपालगंज से आए एक छात्र ने कहा कि उसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो वहीं भागलपुर के छात्र ने मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना (माध्यमिक शिक्षा) के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इसकी जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधुबनी से आए एक आवेदक ने बताया कि सरकारी भवन बनने के बाद भी निजी भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। वहीं सीतामढ़ी की एक महिला ने डेयरी स्थापना हेतु पशुपालन विभाग की स्वीकृति मिलने के बावजूद उन्हें बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बांका के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पिता की मृत्यु बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के अंतर्गत कार्य करते हुए हो गई लेकिन उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर अब तक नौकरी नहीं मिली है। वहीं भागलपुर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके भाई की मृत्यु नदी में डूब जाने के कारण हो गई थी, जिसके अनुग्रह राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

औरंगाबाद के एक वृद्ध पिता ने शिकायत करते हुए कहा कि वृद्धावस्था में उनके संतान उनका भरण पोषण नहीं करते हैं। मेरे पुत्र बिल्कुल स्वार्थी हो गए हैं। सारी जमीन को कब्जा किए हुए हैं। मेरे भरण पोषण का इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को इनकी समस्या के समाधान का निर्देश दिया। वहीं सारण के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बेगूसराय से आए एक व्यक्ति ने अनुमंडलीय अस्पताल बखरी के भवन निर्माण में विलंब होने की शिकायत की। वहीं अररिया की एक महिला ने पति की कोविड से मृत्यु के उपरांत अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पूर्णिया के एक व्यक्ति ने गंभीर रुप से बीमार अपने पुत्र की चिकित्सा के लिए सहायता दिलाने के संबंध में अपनी मांग की तो वहीं गया से आयी एक लड़की ने अपनी गंभीर बीमारी के उपचार कराए जाने के लिए सहायता की मांग की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर उचित सहयोग करने का निर्देश दिया।

नवादा की एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या वर्ष 2016 में हो गई थी। एस.सी.एस.टी. अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाली मुआवजा की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। वहीं सहरसा की एक महिला ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति क्षेत्रीय कार्यालय सहरसा द्वारा मैट्रिक का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। कोरोना से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इधर फिर से कोरोना का प्रभाव बढ़ने लगा है, खासकर पटना शहर में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। हमलोग इसको लेकर सतर्क हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सभी लोग इस मामले में सक्रिय हैं। हमलोगों का उद्देश्य यही है कि अधिक से अधिक जांच कराएं। कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन आया है, इसके मामले में अभी तक बिहार में इससे पीड़ित लोगों का पता नहीं चला है। उसका कारण है कि यहां पर जिनोमसिक्वेंसिंग की अभी तक इसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन खतरा तो है। हमलोगों ने विचार किया है कि केन्द्र से बातचीत कर अपने यहां इसका टेस्ट करवायें। अभी तो रोज रिपोर्ट आ रही है कि इस पर अध्ययन हो रहा है, कोशिश हो रही है कि इस पर तेजी से काम हो। अभी जांच के लिए जो सैंपल भेजा गया है, उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। हमलोग कोशिश कर रहे हैं कि यहां भी आई.जी.आई.एम.एस. जैसे अस्पताल में जॉच की व्यवस्था हो जाय। इस मामले में केंद्र का जो गाइडलाइन होता है उसी के आधार पर काम होता है। दूसरे देशों में हमलोग देख रहे हैं कि ओमिक्रॉन का प्रभाव बढ़ रहा है। हमलोगों के यहां कोरोना संक्रमण बहुत नीचे चला गया था। उसके बाद फिर पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं कि बढ़ रहा है। इस बात को लेकर हमलोग बहुत ही सजग हैं। इसके इलाज के लिए पूरा का पूरा इंतजाम है। आगे अगर कुछ होगा तो जैसे पहले अस्पतालों में बेड वगैरह की व्यवस्था की गई थी उसी तरह से इस बार भी इंतजाम है। ट्रीटमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इसकी पूरी तैयारी है। जिस तरह से ट्रीटमेंट के लिये पहले तीन स्टेज में लोगों को रखा जाता है वैसे ही पहले की तरह ही तैयारी की जा रही है। हमलोग ये देख रहे हैं कि जल्दी से जल्दी पता चल जाय कि ओमिक्रॉन का है या कोई और मामला है। एक बात दिखाई पड़ रहा है कि बाहर से जो लोग आते हैं उन्हीं में ये सब मामला देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट से लेकर हर जगह टेस्ट हो रहा है उसी में ये पता चल रहा है। नॉर्मल लोगों में कहीं उस तरह का केस नहीं आया है। कहीं कोई बाहर से आया और अपने परिवार में गया तो उसी परिवार के लोग प्रभावित हुए। इसके लिए पूरी सजगता की जरूरत है।

जिनोमसिक्वेंसिंग की व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग शुरू से ही इसमें लगे हुए हैं। पहले भी हमने कह दिया था कि इसके जांच में 5-7 दिन लग जाता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि जिनोम सिक्वेंश अधिसूचित है, सभी जगह जिनोम सिक्वेंशिंग नहीं है। राज्य सरकार के प्रयास से हमलोगों ने इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में जिनोम सिक्वेंशिंग की स्वीकृति प्राप्त कर ली है। वर्तमान में अभी जो भी सैंपल है उसे एन. सी. डी.सी., नई दिल्ली भेजते हैं, रिपोर्ट आने में औसतन 5-7 दिन लग रहे हैं। हमलोगों ने अनुरोध किया है कि रिपोर्ट तीन दिन में उपलब्ध करा दिया जाय। इस बीच में आई. जी. आई. एम. एस. में लैब की पूरी तैयारी की गयी है। हमलोगों ने राशि भी उपलब्ध करा दी है। हमलोग आशान्वित हैं कि शीघ्र ही यहीं पर जांच शुरु कर देंगे।

मुजफ्फरपुर में ए. ई. एस. पर जोधरपुर एम्स द्वारा नये रिसर्च से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिसर्च ठीक नहीं है। आपलोगों को पता है जब 2019 में वहां ए. ई. एस. से लोग प्रभावित हुए तो हमने वहां जाकर एक-एक काम किया। हमलोगों ने जिले के पांच प्रखण्ड को चयनित किया जहां मैक्सिमम लोग इससे प्रभावित थे। वहां कई गांव हम खुद देखने गये थे। अगर कोई आदमी प्रभावित है, उसका घर बना हुआ है कि नहीं, उनके लिए दवा की व्यवस्था हुई है कि नहीं, ऐसे सभी परिवारों का सर्वे कराया गया। एक-एक चीज का सर्वे करवाकर हमलोग सारा काम करवाये हैं। हम तो मुजफ्फरपुर के उन पांच प्रखंड की बात कर रहे हैं जो प्रभावित हुए थे। ये 2019 की बात है उसके बाद बहुत कंट्रोल हुआ था। सौ बेड का इंमरजेंसी हॉस्पिटल बनवाया गया। हमलोगों ने हर तरह की व्यवस्था की। उसके बाद बहुत कम बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। हमलोग हर जगह के बारे में कंसर्न हैं। हो सकता है कि पहले की जानकारी के आधार पर अध्ययन करने वाले लोग बोल रहे हों। हमने तीन साल पहले सोषियो इकोनोमी सर्वे कराकर एक-एक बात का पता कर लिया और पता करने के बाद उन सभी जगहों पर सुविधा दी गयी। एक-एक चीज की व्यवस्था की गई। उसके बाद से ए. ई. एस. का असर कम हुआ, इसमें कोई शक नहीं है। कहीं पर अगर हो रहा है तो क्यों हो रहा, दूसरे जगहों पर भी हो रहा है तो उसको हमलोग दिखवाते हैं। अगर रात में किसी बच्चे को परेशानी हो जाय तो तुरंत उसको देखना, अस्पताल ले जाना ये सब गाइडलाइन हमलोग किए हुए हैं।

सड़क पर नमाज पढ़ना बंद कराने की मांग पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब बातों को कोई मतलब नहीं है। कहीं कोई पूजा करता है, कहीं कोई गाता है सबका अपना अपना विचार है। इन सब चीजों में हम ऐसा मानकर चलते हैं कि सबको अपने ढंग से करना चाहिए। अभी कोरोना को लेकर गाइडलाइन दिया गया था तो कोई बाहर नहीं जा रहा था। सभी लोग हमारे लिए एक समान हैं। सबको अपने ढंग से ध्यान रखना चाहिए। इन सब विषयों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। सभी लोग अपने ढंग से करते हैं, लेकिन सभी धर्म के लोगों को इन सब चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इन सब चीजों को मुद्दा बनाना हमलोगों के लिए इसका कोई मतलब नहीं है। अब फिर कोरोना का दौर बढ़ेगा तो फिर से गाइडलाइन जारी होगा। शादी ब्याहों में अभी भीड़ रहती है, लोगों से हमेशा अपील करते हैं कि मास्क का प्रयोग जरुर करें।

विशेष राज्य के दर्जे की मांग से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आयी है। नीति आयोग का मतलब है नेशनल इंस्टीच्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया। आप पिछड़े राज्यों को ट्रांसफॉर्म किए बिना भारत को कैसे ट्रांसफार्म कर सकते हैं। जो राज्य पिछड़ा दिख रहा है उसके उत्थान के लिए आपको काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में हमने कई बातों का जिक्र किया है। सरकार की तरफ से नीति आयोग को पत्र लिखा गया है, किसी मंत्री की तरफ से नहीं, मंत्री जी का विभाग है इसलिए उन्होंने पत्र लिखा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आंकलन कर पत्र लिखा गया है। बिहार के बारे में एक-एक चीजों का जिक्र किया गया है। वर्ष 2005 में बिहार की क्या स्थिति थी। जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है बिहार के विकास के लिए हमलोग लगातार काम करते आ रहे हैं। विकास के कई काम किए गए हैं। राज्य सरकार का वर्ष 2004-05 में बजट का आकार 23 हजार 885 करोड़ था जो 2021-22 में बढ़कर 2 लाख 18 हजार करोड़ हो गया है।

वर्ष 2009 में रिपोर्ट आयी थी उसके अनुसार राज्य का औसत विकास दर 10.5 था, जो देश के किसी अन्य राज्यों से सबसे ज्यादा था। हमलोग काम कर रहे है इसलिए विकास दर बढ़ रहा है। राज्य सरकार की मेहनत का ही नतीजा है कि राज्य का विकास दर देश में अन्य राज्यों से बेहतर रहा। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा राज्य बताया जा रहा है। वर्ष 2004-05 में वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय 7 हजार 914 रुपए था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 50 हजार 735 रुपये हो गया। हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंचाई जा रही है। हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जा रहा है। कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। कानून व्यवस्था ठीक की गई है। दंगा-फसाद नियंत्रित किया गया है। महिलाओं, अतिपिछड़ों, एस.सी,-एस.टी., अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों का विकास किया गया है। हमलोगों ने सभी के उत्थान के लिए काम किया। जीविका समूह बिहार में बनाया गया जो काफी अच्छा काम कर रहा है। उस समय की केंद्र की सरकार ने पूरे देश में इसे आजीविका नाम से अपनाकर क्रियान्वित किया।

हमलोग राज्य का विकास कर रहे हैं लेकिन राज्य पिछड़ा है उसका सबसे बड़ा कारण है कि बिहार क्षेत्रफल के हिसाब से देश में 12वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। यू.पी. और महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरे नंबर पर है। कुछ दिनों में यह दूसरे स्थान पर हो जाएगा। क्षेत्रफल के हिसाब से जनसंख्या कितना अधिक है। हमलोगों को जबसे काम करने का मौका मिला उस समय प्रजनन दर 4.3 था। प्रजनन दर घटाने के लिए काम किया गया। जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि पति-पत्नी में जब पत्नी मैट्रिक पास है तो बिहार का प्रजनन दर 2 था और देश का भी प्रजनन दर 2 था। अगर पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो बिहार का प्रजनन दर 1.6 और देश का प्रजनन दर 1.7 था। इससे यूरेका की भावना आयी और हमने निर्णय किया कि सभी पंचायतों में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे, जिससे प्रजनन दर घटेगा। लड़कियों को पढ़ाने के लिए काम किया गया। पोशाक योजना से शुरु कराकर साइकिल योजना चलायी गई। साइकिल योजना हमलोगों ने शुरु किया जो पूरे देशभर में कहीं नहीं थी। दूसरे देश से लोग यहां आकर सर्वे किये थे और इस योजना की तारीफ किए थे। बाद में हमलोगों ने लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरुआत की। मैंट्रिक में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गई है। जो प्रजनन दर 4.3 था वह वर्ष 2012-13 में घटकर करीब 3.5 हो गया और अब 3 पर आ गया है। हमलोग जिस प्रकार काम कर रहे हैं बिहार का प्रजनन दर घटकर 2 पर आ जाएगा। बिहार का क्षेत्रफल कम है और आबादी कम है तो प्रति व्यक्ति आय अधिक कैसे होगा।

वर्ष 2019-20 के आंकड़े के अनुसार देश का प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 34 हजार 432 रुपया है और बिहार का 50 हजार 735 रुपया है। हमलोग अगर सबसे पीछे हैं तो इसका विकास करना है इसीलिए हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमलोग बहुत पहले से करते रहे हैं। इसके लिए हमलोगों ने सर्वेक्षण कराकर एक-एक रिपोर्ट भी दिया। हमलोग सबसे पीछे हैं तो विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में हर राज्य अपनी बात को रखता है, हमलोग भी अपनी बात को रखते हैं। रिपोर्ट में पिछड़े राज्य की बात आ गई है तो  इसे आगे बढ़ाएं। पिछड़े को आगे बढ़ाने के लिए जो भी उचित काम है कीजिए। देश के सभी राज्यों की बात की गई है, जो पिछड़े राज्य हैं उनको आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा तो देश आगे बढ़ेगा।

आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।

 

 

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