इन्फोटेन

वर्ल्ड वाइड फ़िल्म प्रोडक्शन ने की पांच फ़िल्म बनाने की घोषणा, प्रदीप सिंह और प्रतीक सिंह हैं निर्माता

भोजपुरी सिने वर्ल्ड की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी वर्ल्ड वाइड फिल्म प्रोडक्शन ने आने वाले दिनों में 5 फिल्मों के निर्माण की घोषणा की है। इन पांचों फिल्मों का निर्माण चर्चित निर्माता प्रदीप सिंह और प्रतीक सिंह कर रहे हैं। प्रदीप सिंह इससे पहले माईबाप, विधाता, खून भरी मांग, दोस्ताना,माई बाबूजी का आशीर्वाद, विवाह,लव विवाह डॉट कॉम जैसी सफल फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। और अब एक बार फिर से वे बिग स्केल पर अपनी नई 5 फिल्मों का निर्माण करने जा रहे हैं।

इस बारे में प्रदीप सिंह ने बताया कि वर्ल्ड वाइड फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के साथ हम 5 एक से बढ़ कर एक फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। ये फिल्में एक से बढ़ कर एक होंगी, जो फिल्म इंडस्ट्री को गति देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली फिल्म सौतन, वाह वाह राम जी जोड़ी क्या बनाई, हम साथ साथ हैं, हम ना जाएंगे बलम घर ए बाबू और शुभ लगन है। सभी फिल्में पारिवारिक और साफ सुथरी होंगी। उन्होंने बताया कि इं पांचों फिल्मों को लेकर काम जोर शोर से चल रहा है।

उन्होंने बताया कि हमारी फिल्में बेहद खास होने वाली है। इस फिल्मों की पटकथा के अनुसार फिल्म की कास्टिंग होगी, जिसकी प्रक्रिया जारी है। फिल्म में अनुभवी और नए कलाकारों को मौका मिलेगा। इसकी सूचना भी हम जल्द ही साझा करेंगे। फिलहाल हमारा फोकस फिल्म के प्री प्रोडक्शन पर है। हमारी ये सभी फिल्में संभवतः आने वाले साल में रिलीज होगी। हम अपने इस प्रोजेक्ट्स के जरिए कोशिश करेंगे कि भोजपुरी के दर्शक सिनेमाघरों में लौटें। खास कर महिला दर्शकों के लिए ये पांचों फिल्म सौतन, वाह वाह राम जी जोड़ी क्या बनाई, हम साथ साथ हैं, हम ना जाएंगे बलम घर ए बाबू और शुभ लगन बेहद खास होने वाली है।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button